शिवानंद बागले
रसड़ा(बलिया)। रसड़ा का हृदय स्थली कहे जाने वाले मुन्स्फी तिराहा पर इस कदर अतिक्रमण है कि साप्ताहिक बंदी के बाद भी गुरुवार को यह स्थान जाम के झाम से कराहता रहा। जिससे राहगीर बेहाल नजर आये। लोगो द्वारा तिराहे पर काफी दिनों से ट्रैफिक पुलिस की मांग भी बेमतलब साबित हो रही है। अतिक्रमण के चलते जब साप्ताहिक बन्दी के दिन यहां जाम के झाम से दो चार होना आदत है तो सोचिए आम दिनों में नजारा कैसा रहता होगा। नगर पालिका द्वारा चलाया गया अतिक्रमण मुक्त अभियान भी बेमतलब साबित होता है।
नगर में प्रवेश करने वाले अधिकांश ब्यक्ति इस तिराहे से ही हो कर गुजरते है। लोग इस तिराहे से होकर ही नगर पालिका, कोतवाली, हास्पिटल, मुख्य बाजार, ब्रम्हस्थान, स्टेट बैंक सहित सभी बैंकों एवम श्रीनाथ बाबा मंदिर, खण्ड शिक्षा कार्यालय आदि जगह पहुचते है। यू कहे की नगर की हृदय स्थली कहे जाने वाले चौराहे से गुजरे बिना नगर वासियो एवम लोगो का कोई कार्य पूर्ण नहीं हो सकता है। साप्ताहिक बंदी के बावजूद भीड़ के चलते जाम रहने के कारण लोगों का बुरा हाल रहा। वही ब्रम्हस्थान सहित बीच बाजार के दुकानदारों का भी बुरा हाल है।
जाम के चलते राहगीर घंटो जाम के झाम में फसे रहे। तिराहा की स्थिति उस समय और विकट हो जाती है जब कोई बड़ी गाड़िया एवम स्कूलों की छुट्टी होते ही एक दो बस तिराहा पर आ जाये तो घंटों तक जाम होना तय है। सड़को पर दुकानदारों द्वारा दूकान लगाना एवम ठेलों ठुमचो द्वारा अतिक्रमण किये जाने से जाने से घंटो जाम लगने का प्रमुख कारण है। नगर पालिका परिषद एवम पुलिस द्वारा चौराहा पर चलाया गया अनेकों बार अतिक्रमण का चाबुक भी बेमतलब ही साबित हुआ है। तिराहा की समस्या से निजात दिलाने के लिये अरुण कुमार सिंह मुन्ना, अभय सिंह रिंकू, सतीश सिंह, आदि ने ट्रैफिक पुलिस लगाने एवम अतिक्रमण हटवाने की मांग किया है।