बृजेश सिंह
बलिया। उभांव थाना क्षेत्र में युवती की मौत मिस्ट्री बनी हुई है। पुलिस पानी मे डूबने से उसकी मौत मान रही है, जबकि घटना के वक्त दिखी तस्वीरे चीख चीखकर कुछ और कह रही है । युवती के परिजन भी पुलिसिया कहानी से संतुष्ट नहीं हैं। मृत युवती के भाई की माने तो पोस्टमार्टम के दौरान कोई वीडियो या फोटो ग्राफी नहीं की गयी। जो ऐसी घटना में अपने आप मे एक सवाल खड़ा कर रहा है। परिजन गैंगरेप के बाद हुई हत्या के तरफ इशारा कर रहे है। लेकिन पुलिस हत्या का जल्द खुलासा होने का दम्भ भरते हुए उन्हें शांत कराए बैठी है। दूसरी तरफ पीड़ित के घर पुलिस की सुरक्षा मुहैया किन कारणों से करायी गयी यह समझ से परे है। आखिर घरवालों को किससे डर है, जबकि युवती की हत्या किसी विवाद या झगड़े के दौरान नहीं हुई है जिसमे पुनः बवाल होने का अंदेशा रहता है। आखिर पुलिस क्या छुपा रही है। कहीं आंदोलनों के डर से मामले को दूसरा रुप तो नहीं दिया जा रहा है। ये तमाम सवाल आज भी वहां इर्द गिर्द रहने वाले लोगों के जेहन में घूम रहे है।
बता दें कि उभांव थाना क्षेत्र के अवायां विद्युत सब स्टेशन के पास छोटी नहर में एक युवती का अर्धनग्न शव मिला था। जिसके कपड़े अस्त व्यस्त थे। जिसे देख प्रत्यक्षदर्शी दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका जता रहे थे । पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पीएम के लिए भेज दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस का कहना है कि उसकी मौत डूबने से हुई है। उसकी हत्या कौन और क्यों की है इस पर सिर्फ जल्द खुलने की बात कह पल्ला झाड़ ले रही है। जिसके बाद सवाल उठने खड़े हो गए है। युवती की पानी मे डूबने से मौत हुई या डुबाकर हत्या की गई है तो उसके कपड़े अस्त व्यस्त कैसे हो गए। अगर दुष्कर्म नहीं तो मारने के पीछे वजह क्या थी। उसके परिजन यह सवाल उठा रहे है कि हम गरीब की बेटी को मारने के पीछे कौन सा वजह है। उसके साथ गलत किया गया है वो भी एक से अधिक लोगों ने किया है। शब्दभेदी की टीम से युवती के भाई ने बताया कि वहां एक युवक का इनर भी पाया गया था। जबकि मेरी बहन का साल वहां पर नहीं मिला। अगर सिर्फ पानी मे डुबाकर उसकी हत्या की गई है तो उसके कपड़े कैसे खुले मिले। बताया कि पीएम के दौरान फोटोग्राफर चाहिए था जिसपर दरोगा जी कह रहे थे कि हम बुला रहे है लेकिन लास्ट में कहे कि चलिए इसी तरह करा लीजिए जो होगा वो देखा जाएगा। ऐसे संदिग्ध मामलों की पीएम के दौरान फोटोग्राफी की जाती है लेकिन इसे गंभीरता से न लेना पुलिस की नीयत ओर संदेह खड़ा कर रही है। क्या पुलिस छुपाकर दुष्कर्म को रोकना चाहती है। पुलिस की इसी रवैये से युवती के परिजन आहत है।