इस मामले में पूर्व में ही जांच का सामना कर रहे बीएसए के स्टेनो के खिलाफ सोमवार को अनुशासनात्मक कार्रवाई की गयी। अपने आदेश में अपर शिक्षा निदेशक बेसिक ने बीएसए के स्टेनो को विभागीय अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने, कार्यों के प्रति लापरवाही बरतने एवं भ्रष्टाचार में संलिप्तता में दोषी पाये जाने की बात कही है. जाने के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली – 1999 के नियम-7 के अधीन अनुशासनिक कार्यवाही संस्थित की जाती है तथा प्रकरण में मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक), गोरखपुर को पदेन जॉच अधिकारी नामित किया जाता है। श्री संजय कुँवर के विरूद्ध प्रश्नगत प्रकरण में आरोप-पत्र पृथक से निर्गत किया जायेगा।
बता दें कि प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर 1 और दो पर एमडीएम में हुए लाखों रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों की जांच स्टेनों कुँवर पर लंबे समय से चल रही थी। पिछली बार जांच में सहयोग न किये जाने से नाराज शिक्षा निदेशक बेसिक ने उन्हें अंतिम मौका देते हुए जांच में सहयोग करने को निर्देशित किया था। जिसके बाद सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर ने बीएसए को दोनों से जुड़े अभिलेख तथा संजय कुँवर को स्टेनों एमडीएम पर नियुक्ति के आदेश की पत्रावली भी लेकर 17 दिसंबर को तलब किया था। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिड-डे मील योजना के लाखों रुपये योजना से जुड़े विभागीय कर्मचारी और शिक्षक मिलीभगत कर डकार गए। जिले के बांसडीह निवासी जय प्रकाश मौर्य ने शिक्षा निदेशक बेसिक को एक शिकायती पत्र दिया था। जिसमें प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर एक के प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार सिंह व प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर दो के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह पर विभागीय मिलीभगत कर लाखों रुपये डकारने के आरोप लगाया था।