कुमार सत्यम
बलिया। तमाम प्रयासों के बावजूद तहसीलों से प्रमाण पत्र जारी करने में मनमानी जारी है। खासकर छात्रों के छात्रवृत्ति के समय यह धांधली तेज हो जाती है। सदर तहसील में आवेदनों को मनमाने तरीके से रिजेक्ट कर दिया जाता है। इतना ही नहीं दलालों को सुविधा देने के लिए कुछ लेखपालों की आईडी भी तहसील कर्मी रखते हैं जिससे खेल किया जाता है। लेखपाल भी सुविधा शुल्क नहीं मिलने पर आवेदनों को रिजेक्ट कर देते हैं। पूर्व में भी इस तरह का मामला सामने आ चुका है, लेकिन इस पर लगाम नहीं लग सका है।
हथकंडे अपना कर वर्षों से शहर में जमे हैं कई लेखपाल
बलिया। नगर में लेखपाल पिछले कई वर्षों से जमे हैं। बताया जाता है कई लेखपाल जब ट्रांसफर का समय आता है कि तो चुपके से म्यूचुअल कर अपना क्षेत्र बदल देते हैं और इस तरह अपने को फिर अगले तीन वर्ष तक नगर में सुरक्षित कर लेते हैं। यह सारा खेल अधिकारियों की मिलीभगत से होता है और वह शहर के कार्यों में मनमानी करते हैं।
सदर तहसील के एक सप्ताह के आंकड़े
आय के आवेदन-543, जारी-240, रिजेक्ट-203,लंबित-100
जाति के आवेदन-314, जारी-109, रिजेक्ट-75, लंबित-130
निवास के आवेदन-211, जारी-130, रिजेक्ट-11, लंबित-81
आवेदनो को बिना जांच के रिजेक्ट करने का प्रावधान नहीं है। प्रमाण पत्रों के निस्तारण को बाबू को जिम्मेदारी दी गई है। इसको लेकर सभी लेखपालों को पूर्व में भी हिदायत दी जा चुकी है। इस मामले की जांच कर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
– सदानंद सरोज, तहसीलदार, बलिया।