कुमार सत्यम
बलिया। जिले के 126 गांव अब पंचायत भवन विहीन ही रह जाएंगे। इन गांवों में पंचायत भवन का निर्माण होना संभव नहीं है। पंचायती राज विभाग के साथ ही राजस्व विभाग भी इन गांवों में जमीन की तलाश नहीं कर सका है।
गांव स्तर पर ग्राम सचिवालय संचालन को लेकर सरकार की ओर से कवायदें तेज कर दी गई हैं। ग्राम सचिवालय का संचालन संबंधित गांव के पंचायत भवन में ही होना है। लेकिन जिले के 940 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 452 गांव विहीन थे। शासन की ओर से इसे लक्ष्य मानते हुए सभी गांवों में पंचायत भवन निर्माण कराने का निर्देश दिया। इसके तहत प्रत्येक पंचायत भवन के निर्माण पर कुल 22.53 लाख की लागत निर्धारित की गई। इसमें एक बरामदा, एक बड़ा हॉल, दो कमरे के अलावा महिला व पुरुष के लिए अगल-अलग शौचालय बनने हैं।
अब तक जिले में कुल 326 गांवों में तो पंचायत भवन निर्माण का कार्य शुरु हो गया लेकिन 126 ग्राम पंचायतों में जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण निर्माण अधर में लटका रहा। इसके बाद पंचायती राज विभाग ने राजस्व विभाग से गुहार लगाई और जमीन तलाशने की कवायद की लेकिन वह भी कारगर साबित नहीं हुआ। राजस्व विभाग भी इन गांवों में जमीन की तलाश नहीं कर सका और रिपोर्ट प्रस्तुत किया कि इन गांवों में जमीन की उपलब्धता नहीं है। राजस्व विभाग की रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी की ओर से इसकी रिपोर्ट पंचायती विभाग के निदेशक को भेज दी गई है। ऐसे में अब यह 126 गांव पंचायत भवन विहीन ही रहेंगे।
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बलिया के 126 गांवों में जमीन उपलब्ध नहीं होने के कारण पंचायत भवन का निर्माण शुरु नहीं हो सका है। राजस्व विभाग के कर्मियों ने भी जमीन नहीं होने की रिपोर्ट दी। इस संबंध में जिलाधिकारी की ओर से भी विभाग के निदेशक को पत्र भेजा गया है।
– राम जियावन, उप निदेशक, पंचायती राज, आजमगढ़