नगरा थाना क्षेत्र के देवरिया गांव स्थित नहर किनारे अरहर के खेत में 23 मार्च की सुबह शौच के लिए निकले ग्रामीणों ने एक सर कूची शव को देखा था जिसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दिए। सूचना पर पहुंची पुलिस द्वारा अज्ञात युवक का शव कब्जे में लेने से पहले डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुँचकर गहन छानबीन की थी पर कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इसके बाद शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।शव के पास ईट, रस्सी, पानी का बोतल व गिलास भी पुलिस को मिला था। घटना के पांच माह बाद भी हत्या का खुलासा तो दूर उसके शव की शिनाख्त भी पुलिस नहीं करा सकी।
डिजिटल क्रांति के युग में भी शव की पहचान पाँच माह से अधिक समय होने के बाद भी नहीं होना अपने आप में सवाल है।लोगो का कहना है कि कहीं अन्य घटनाओं की तरह पुलिस इस घटना को भी ठंडे बस्ते में न डाल दे। लोगों को उम्मीद थी कि घटना को तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा जल्द खुलासे के निर्देश के बाद सच्चाई सामने आएगी। लोग अब नवागत पुलिस अधीक्षक से उम्मीद लगाए बैठे थे। शायद अब शव की शिनाख्त करते हुए उस हत्या की गुत्थी सुलझ जाएगी। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी उस घटना पर स्थानीय पुलिस शून्य बनी हुई है।