शिवानन्द बागले
रसड़ा(बलिया)। रसड़ा विकास खंड के बस्तौरा गांव में पंचायत द्वारा कराए गए कार्यों में भ्रष्टाचार का सच सामने आया है। गांव में पिछले साल कराए गए कार्य पर इस वर्ष भी धन आहरण कर लिया गया है। इस मामले में प्रधान के साथ सचिव की भागीदारी भी खुलकर सामने आ गयी क्योंकि पिछला कार्य भी वर्तमान सचिव के सानिध्य में ही कराया गया था। इस बात को ब्लाक से जांच करने आयी टीम ने भी स्वीकार करते हुए जांच रिपोर्ट को उच्चाधिकारियों को भेजने की बात कही।
ब्लाक मुख्यालय की जांच टीम ने ग्रामीणों की शिकायत पर बस्तौरा गांव में मनरेगा से कराये गये कार्यो का स्थलीय निरीक्षण किया। बिना कार्य कराये ही लाखो रुपये धन आहरण करने की बात सही पायी गयी। ग्रामीण धर्मेन्द्र कुमार सिंह शिवलखन राम श्रीचरण प्रेम राजभर आदि ने मुख्यमंत्री समेत जिलाधिकारी मुख्य विकास अधिकारी आयुंक्त श्रम रोजगार मनरेगा को शिकायती पत्र देकर बस्तौरा गांव में अमीरचंद के खेत से अबुल मिया के खेत के पूर्वी छोर तक चकबन्ध कार्य पिछले वर्ष जुलाई अगस्त में ही एक लाख नब्बे हजार का मिट्टी कार्य कराकर कराया गया था। उसी आईडी पर पुनः बिन काम कराये ही इस सत्र के जुलाई अगस्त में उसी सड़क पर फर्जी तरीके से एक लाख पैंतालीस हजार रुपया प्रधान एवम सेक्रेटरी द्वारा उतार लिया गया। अजीब संयोग है कि दोनों ही बार धन आहरण किये जाने में ग्राम पंचायत सचिव लाल चंद राम ही रहे है।
शिकायत पर एपीओ मनरेगा अश्वनी कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण किया। ग्रामीणों समेत प्रधान का बयान दर्ज किया। एपीओ ने कहा की बिना कार्य कराए ही सचिव तकनीकी सहायक एवम प्रधान द्वारा गलत तरीके से धन का आहरण किया गया। कार्यवाही के लिये उच्चाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है। अब देखना है की लाखों की गबन पर विभाग कड़ी कार्यवाही करता है की नही या लीपा पोती कर रफा दफा कर देता है ।