यह था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी दुर्घटना दावा याचिकाएं दाखिल करने के मामले में जांच कर रही एसआइटी को निर्देश दिया है कि वह याचिकाएं दाखिल करने में शामिल रहे उन वकीलों के नामों की सूची, जिनके खिलाफ एफआइआर या आरोपपत्र दाखिल हो चुके हैं, बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) को दें, ताकि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके। इसके अलावा कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बार काउंसिल आफ उत्तर प्रदेश की ओर से किसी के भी पेश नहीं होने पर नाराजगी जताई। कहा कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल मामले पर जरा भी गंभीर नहीं है
फर्जी याचिकाएं दाखिल करना गंभीर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फर्जी दावा याचिकाएं दाखिल करना एक गंभीर मामला है। इससे संस्था की विश्वसनीयता प्रभावित होती है। कानूनी पेशे को हमेशा से एक आदर्श पेशा माना गया है। इस तरह कोर्ट में फर्जी दुर्घटना दावा याचिकाएं दाखिल करने को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष और सचिव को अगली सुनवाई पर आठ दिसंबर को पेश होकर सुनवाई में मदद करने का आदेश दिया है।