न्यूजडेस्क शब्दभेदी। भाजपा के जुझारू नेता भरत भैया जे समर्थकों सतग पार्टी से स्तीफा दे दिया। पार्टी द्वारा दूसरी बार भी टिकट न देने से उनमें और कार्यकर्ताओं में संगठन के हुक्मरानों के प्रति काफी नाराजगी थी। रविवार को उन्होंने विकासशील इंसान पार्टी वीआईपी पार्टी ज्वाइन कर ली। अब वे नांव पर सवार होकर मधुबन विधानसभा को फतह करने की तैयारी कर रहे है। समर्थकों संग जनसंपर्क भी शुरु कर दिया है।
बता दे कि पिछले 12 वर्षों से मधुबन विधानसभा में पार्टी की सेवा करते हुए चुनाव की तैयारी जोर शोर से करते आ रहे है। 2017 ले विधानसभा चुनाव में जब टिकट बटवारा होना था तो वहां पर जातीय समीकरण देखते हुए दारा सिंह चौहान को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। इन्होंने आपत्ति जतायी तो अगले विधानसभा चुनाव का आश्वासन देकर शांत करा दिया गया। उसके बावजूद भी पार्टी की नींव कभी कमजोर नहीं होने दी। यहां तक ब्लाक प्रमुखी चुनाव में फतहपुर मंडाव में पहली बार बीजेपी का प्रमुख बनाने का खिताब भी इन्हें मिला। बावजूद इसके विधानसभा के चुनाव में इनके भारी भरकम समर्थकों की तादाद भी नजरअंदाज कर बिहार के राज्यपाल फागू चौहान के बेटे रामबिलास चौहान को प्रत्याशी बना दिया गया। जिससे मधुबन के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों की एक बड़ी फौज इनके समर्थन में स्तीफा देने की घोषणा कर प्रत्याशी को बदलने की मांग की लेकिन उनकी भी पार्टी हाईकमान ने नहीं सुनी। जिसके बाद समर्थको संग स्तीफा देकर वीआईपी पार्टी ज्वाइन कर ली और उसके सिम्बल नाव पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। अब देखना होगा कि उनके लिए भीड़ का हिस्सा बनने वाली जनता जनार्दन उन्हें कुर्सी पर विराजमान करती है या फिर बिड तक ही सीमित रखती है।
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