बृजेश सिंह
न्यूजडेस्क शब्दभेदी। बीजेपी में बागी होने की आंच बलिया से चलकर मऊ तक पहुँच गयी है। लेकिन यहां का अंदाज थोड़ा हटके है। सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने अपने स्तीफे की पेशकश कर जिला कार्यकारिणी को 24 घंटे में घोषित प्रत्याशी को बदलने का अल्टीमेटम दिया है। अगर उनकी मांगे नहीं मानी गयी तो वे सामुहिक रुप से आने पद और सदस्यता से स्तीफा दे देंगे।
मधुबन विधानसभा में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष और शीर्ष नेतृत्व को अल्टीमेटम दे दिया है। उन्होंने पत्र भेजकर कहा है कि अगर 24 घंटे में भारतीय जनता पार्टी ने किसी स्थानीय को प्रत्याशी नहीं किया घोषित तो भारतीय जनता पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता और मंडल अध्यक्ष अपना स्तीफा सौंप देंगे। जिसके बाद पार्टी में हलचल मच गयी है।
बता दे कि मधुबन विधानसभा से जमीनी राजनीति करने वाले भरत भैया लगभग एक दशक से बीजेपी की नीतियों को घर घर पहुँचाने में जुटे हुए है। विधानसभा चुनाव 2017 में इनकी प्रबल दावेदारी मानी जा रही थी लेकिन इनके स्थान पर दारा सिंह चौहान को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। पार्टी हाईकमान ने भरत भैया को अगले चुनाव यानी 2022 में टिकट देने का आश्वासन देकर इनकी नाराजगी को शान्त कराया। ये आलाकमान पर भरोसा कर पार्टी के प्रचार प्रसार में लग गए रहे। उसकी नीतियों को जन जन तक पहुँचाने का कार्य जारी रहा। इनकी छवि इस कदर मधुबन क्षेत्र में फैली रही कि लोग इनके बुलावे पर पार्टी की किसी भी कार्यक्रम में शरीक होते है। इन्हें पिछली बार ही टिकट न मिलने से समर्थक काफी मायूश थे। उन्होंने पार्टी के हुक्मरानों पर नाराजगी भी जाहिर की। लेकिन भरत भैया ने इन्हें आश्वासन देकर शांत कराए रखा। लेकिन इस बार टिकट न मिलने से इनमें खासी नाराजगी है। जो अब सतह पर आती दिख रही है।
अब देखना है बगावत की ये आंच मधुबन में कौन सा रुप लेती है ये तो आने वाला समय बताएगा। उनके समर्थकों की माने तो पार्टी द्वारा कोई कदम न उठाये जाने पर निर्दलीय चुनाव भी लड़ सकते है।