नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए शनिवार कहा कि देश को कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन पर सचेत रहने की जरूरत है।दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन की वजह से संक्रमण बढ़ा है। पीएम मोदी ने लोगों से कहा कि सावधान रहें सतर्क रहें। कोरोना नियमों का पालन पूरी तरह करते रहें। इस मौके पर उन्होंने 15 से 18 साल के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन और बूस्टर डोज के शुरुआत की बात कही। पीएम मोदी की ओर से जो प्रमुख बातें कही गई उसमें-
*60 वर्ष से ऊपर की आयु के कॉ-मॉरबिडिटी वाले नागरिकों को उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की ‘Precaution Dose’ का विकल्प उपलब्ध होगा। इसकी शुरुआत 10 जनवरी 2022 सोमवार से की जाएगी। यानी अब बूस्टर डोज का विकल्प मिलेगा।
* सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर के लिए वैक्सीन की ‘Precaution Dose’ भी प्रारंभ की जाएगी। इसकी शुरुआत भी 10 जनवरी से की जाएगी। लंबे समय से देश में बूस्टर डोज की मांग की जा रही थी।
बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन, 3 जनवरी से शुरुआत
* 15 साल से 18 साल की आयु के बीच के बच्चों के लिए देश में वैक्सीनेशन प्रारंभ होगा। 3 जनवरी 2022 सोमवार से इसकी शुरुआत की जाएगी। यानी इस आयु वर्ग में आने वाले बच्चों को कोरोना का टीका लगेगा।
* पीएम मोदी ने कहा कि देश के पास 18 लाख आइसोलेशन बेड, 5 लाख ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड हैं और 1.40 हजार ICU बेड हैं। 90 हजार बेड विशेष तौर पर बच्चों के लिए हैं।
* देश में 3000 से ज्यादा PSA ऑक्सीजन प्लांट काम कर रहे हैं। राज्यों को जरूरी दवाओं की बफर डोज तैयार करने में सहायता दी जा रही है।
पैनिक न करें 61 प्रतिशत लोगों को लग चुकी है दोनों डोज
* पीएम मोदी ने कहा कि हम 2021 के अंतिम सप्ताह में हैं। 2022 आने ही वाला है। आज दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन से संक्रमित होने का पता चला है। आप सभी से आवेदन है कि पैनिक न करें।
* भारत ने इस साल 16 जनवरी से अपने नागरिकों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया था। पीएम मोदी ने कहा कि ये देश के सभी नागरिकों का सामूहिक प्रयास और सामूहिक इच्छाशक्ति है कि आज भारत 141 करोड़ वैक्सीन डोज के अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य को पार कर चुका है।
* आज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इसी तरह, वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाई जा चुकी है।
* कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ाई का अब तक का अनुभव यही बताता है कि व्यक्तिगत स्तर पर सभी दिशानिर्देशों का पालन, कोरोना से मुकाबले का बहुत बड़ा हथियार है और दूसरा हथियार है वैक्सीनेशन।