दिग्विजय सिंह
नगरा,बलिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा पर रविवार को कार्यकत्रियों को मोबाइल देने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वहां पर न तो बीएएम ही मौजूद थे, न ही बीसीपीएम का ही पता था। सभी का मोबाइल भी बंद था। मोबाइल लेने के लिए इस ठंढ में दूर दराज गांवों से आयी आशा कार्यकत्रियों ने पीएचसी पर जमकर हंगामा काटा और प्रभारी चिकित्साधिकारी के कमरे में एक घंटे तक बीपीएम को बंधक बनाए रखा। सूचना पर पहुँची पुलिस ने जाकर बीपीएम को उनके बंधन से मुक्त कराया।
आशा कार्यकत्रियों का आरोप था कि 31 दिसंबर को केवल 10 को ही मोबाइल दी गई, जबकि अन्य को वापस कर दिया गया। रविवार को मोबाइल देने के लिए बुलाया गया था किंतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर न तो बीएएम ही मौजूद थे, न ही बीसीपीएम का ही पता था। सभी का मोबाइल भी बंद था। मोबाइल लेने के लिए इस ठंढ में दूर दराज गांवों से आशा कार्यकर्ता पीएचसी पर पहुंची थी। वहां पर केवल बीपीएम मौजूद मिले जबकि बीएएम व बीसीपीएम गायब थे। ठंड में दूर दराज से आयी कार्यकत्रियां इस पर भडक गई। सभी ने मिलकर प्रभारी के कमरे में बाहर से तालाबंदी कर दीं। अंदर बीपीएम मौजूद थे। एक घंटे तक वे अंदर कैद रहे। बाहर आशा कार्यकर्ता हंगामा करती रहीं। इसी बीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। पीएचसी पर पहुंची पुलिस ने आशा कार्यकर्ताओं को समझा कर कमरे का ताला खुलवाया व बीपीएम को बाहर निकाला। एसआई शंकर यादव ने दूरभाष पर प्रभारी चिकित्साधिकारी योगेंद्र दास से वार्ता कर घटना की पूरी जानकारी दी। प्रभारी के इस आश्वासन पर कि सोमवार को मोबाइल का वितरण कर दिया जाएगा इसके बाद आशा कार्यकर्ता शांत हुईं।