देश के अधिकतर शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार चला गया है और लगभग हर रोज करीब 35 पैसे महंगा हो रहा है। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक उत्पाद शुल्क लगाती है। पिछले साल पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क को 19.98 रुपये से बढ़ाकर 32.9 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसी तरह डीजल पर शुल्क बढ़ाकर 31.80 रुपये प्रति लीटर किया गया था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें सुधार के साथ 85 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई है और मांग घटी है, लेकिन सरकार ने उत्पाद शुल्क नहीं घटाया था। इसके कारण देश के सभी बड़े शहरों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है। कई राज्यों में डीजल भी शतक लगा चुका है।
निशाने पर सरकार
तेल के बढ़ते दामों को लेकर सरकार लगातार निशाने पर थी। विपक्ष इसे लेकर सरकार को घेरते हुए सवाल उठा रहा था। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भाजपा को कुछ अहम राज्यों में मिली नाकामी के लिए महंगाई को ही जिम्मेदार माना जा रहा था। उपचुनाव नतीजों के अगले दिन ही पेट्रोल-डीजल के दाम घटाने का एलान कर दिया गया