सुकरन ने लगभग डेढ़ साल पहले कलेक्ट्रेट स्थित डूडा आफिस जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी के लिए आवेदन किया था। जनवरी 2020 में उसे लाभार्थी घोषित करते हुए आवास पास कर दिया गया। करीब 15 माह बीत जाने के बाद भी उसके खाते में आवास बनवाने के लिए एक भी किस्त नहीं पहुंची। माथा ठनका तो लाभार्थी डूडा आफिस पहुंच गया। वहां उसे बताया गया कि कार्यालय द्वारा जारी लाभार्थी पत्र में मेल की जगह फीमेल दर्ज हो गया। इस कारण उसके खाते में आवास बनवाने की क़िस्त नहीं भेजी जा सकी है। ये त्रुटि सही हो जाएगी तो पैसा भेज दिया जाएगा। सुकरन निषाद ने स्वयं जांच-पड़ताल के लिए अगस्त 2021 में ऑनलाइन कागज निकलवाया तो कागज में 31 जनवरी 2020 का लाभार्थी दर्शाया गया है, लेकिन विभागीय लापरवाही से लाभार्थी सुकरन निषाद पुत्र मोहनलाल के नाम के आगे फीमेल दर्ज हो गया है।
*विभाग के चक्कर लगा रहा है सुकरन*
अब सुकरन खुद को महिला से पुरुष बनवाने के लिए विभाग का चक्कर लगा रहा है। सुकरन ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभार्थी होने के बाद भी खाते में पैसा अभी तक नहीं आया। पति रेखा कहती हैं कि उनके पति को सरकारी कागज में महिला बना दिया गया। इसके जिम्मेदार विभागीय लोग ही हैं, लेकिन खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।