कोर्ट ने कहा है कि अवमानना कार्रवाई करने से पहले सरकार को जानकारी लेने का अवसर दिया जाना चाहिए। इसलिए याची अधिवक्ता याचिका की प्रति सरकारी वकील को दे, और वह आदेश के पालन पर जानकारी उपलब्ध कराएं।
हाईकोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को सीएमओ कार्यालय में अनियमितता की जांच रिपोर्ट में घपले के दोषी अधिकारियों पर 6 माह में कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। याची ने इस मामले की जिलाधिकारी बलिया से शिकायत की थी कि बिना टेंडर काम कराकर धन की बंदरबांट कर ली गई, जिसकी जांच कमेटी द्वारा करायी गई।
जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में घोटाले के आरोपों की पुष्टि की। इसके बावजूद अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो याची ने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश का जिलाधिकारी अदिति सिंह ने पालन नहीं किया तो उनके खिलाफ यह अवमानना याचिका दायर की गई है।