बृजेश सिंह, संतोष द्विवेदी शिवानन्द बागले की रिपोर्ट
बलिया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर मंगलवार को इक्कीस सूत्रीय मांगों के समर्थन में पूरे जनपद के सभी बीआरसी पर शिक्षकों ने एक दिवसीय सांकेतिक धरना के माध्यम से सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला है ।धरने के माध्यम से शिक्षकों ने सरकार के सामने अपनी 21 सूत्रित मांगे रखी हैं । जिसमें पूरानी पेंशन की बहाली, तमाम भत्तों की बहाली व विद्यालय के रसोईयों के मानदेय बढ़ाने, द्वितीय शनिवार को अवकाश आदि की मांग प्रमुख रहीं ।
इस क्रम में बीआरसी गड़वार पर प्राथमिक शिक्षक संघ की गड़वार इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार पांडेय व मंत्री टुनटुन प्रसाद के संयोजकत्व में शिक्षकों, शिक्षा मित्र,अनुदेशक व रसोइयों द्वारा विशाल धरना प्रदर्शन किया गया।इस दौरान ब्लॉक अध्यक्ष अनिल पांडेय ने कहा कि प्रदेश संगठन व जिला संगठन के नेतृत्व में ब्लॉक के सभी शिक्षक अपनी पूरी क्षमता से किसी भी लड़ाई को पूरी क्षमता से लड़ने के लिए हमेशा तैयार हैं। धरना प्रदर्शन के दौरान सभी अध्यापकों ने एक स्वर में निर्णय लिया कि प्रदेश संगठन के आव्हान पर पुरानी पेंशन की बहाली व अन्य सभी इक्कीस सूत्रीय मांगों के समर्थन में किसी भी लड़ाई को अंतिम अंजाम तक पहुंचाने में ईंट से ईंट बजाने का काम करेंगे।अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षक मार्तण्ड पांडेय व संचालन डॉ. भूपेंद्र मिश्रा ने किया।मुख्य वक्ताओं में संजय सिंह,अशोक पांडेय,संतोष दीक्षित, करुणानिधि तिवारी, अंजनी मुकुल रहे। इस अवसर पर डॉ. अभिषेक पांडेय, शाहनवाज खान, मानवेन्द्र, विजय कृष्ण, दयाशंकर पुष्कर, राजेश मिश्रा, शाहिद परवेज आदि रहे।
इसी क्रम में रसड़ा के बीआरसी पर शिक्षकों ने ब्लाक शिक्षक संघ की रसड़ा इकाई के अध्यक्ष तेज प्रताप सिंह की अध्यक्षता में धरना प्रदर्शन किया। कहा कि विद्यालयों में छात्रों व शिक्षकों का पेट भरने वाली रसोईयों का मानदेय 50 रू० पत्रितदिन है, जिससे उनका गुजारा होना इस महंगाई काल में मुश्किल हो रहा है । वहीं शिक्षकों की पूरानी पेंशन रुकी हुई है । जबकि नेता अपनी पूरानी पेंशन का लाभ उठा रहे हैं। ऐसी ही 21 सूत्रीय मांगो को लेकर शिक्षकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है । व मांगे न मानी जाने की स्थिति में अनाव्रत धरना चलाते रहने की चेतावनी भी दी है ।
इसी क्रम में नगरा बीआरसी पर ब्लाक अध्यक्ष वीरेन्द्र यादव की अध्यक्षता में शिक्षकों, रसोईयों, शिक्षामित्रों ने धरना दिया। इस दौरान शिक्षकों ने कहा कि सरकार जब तक शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारियों के मांगो पर विचार नहीं करेगी, शिक्षकों का आंदोलन चलता रहेगा। वक्ताओं ने कहा कि नेता हम लोगो से अच्छे काम करने का वादा कर वोट ले लेता है और लोक सभा तथा विधान सभा में जाते है तो कर्मचारियों के खिलाफ षड्यंत्र रचते है। कहे कि नेता एक बार एमपी एमएलए हो जाने के बाद आजीवन पेंशन के हकदार हो जाते है। ये कर्मचारियों के साथ अन्याय है। जब तक कर्मचारियों को पेंशन सरकार नहीं देगी, नेताओ को भी पेंशन नहीं चाहिए।
वक्ताओं ने कहा कि हम अपने हक के लिए पानी का बौछार व लाठी का भी सामना करने के लिए तैयार है। कहे कि सरकार शिक्षकों पर प्रेरणा लक्ष्य पूरा करने हेतु दबाव बना रही है जबकि किसी भी प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की संख्या पूरी नहीं है। ऐसे में प्रेरणा लक्ष्य कैसे पूरा होगा। कहे कि सरकार प्रेरणा लक्ष्य पूरा करने के लिए शिक्षकों की संख्या की पूर्ति करे। इसके अलावा शिक्षकों ने सभी रसोइयों को स्थाई करने व प्रतिमाह दस हजार मानदेय देने, सभी शिक्षामित्रों, अनुदेशकों को स्थाई शिक्षक बनाने, ऑनलाइन कार्य के नाम पर शिक्षकों का शोषण बन्द करने, सामूहिक बीमा की धनराशि दस लाख रुपए करने, वार्षिक प्रविष्टि का शासनादेश वापस लेने की मांग की।
धरना में ब्रजेश सिंह तेगा, राघवेन्द्र प्रताप राही, राजीव नयन पांडेय, ओमप्रकाश, हेमन्त कुमार यादव, संजीव सिंह, अजय श्रीवास्तव, दयाशंकर राम, रजनीश दुबे, पुष्पा देवी सहित दर्जनों शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रसोइया उपस्थित रहीं। अध्यक्षता वीरेंद्र प्रताप यादव तथा संचालन राम कृष्ण मौर्य ने किया।