बृजेश सिंह
बलिया। सिकन्दरपुर थानाक्षेत्र के बेल्थरारोड मार्ग पर स्थित दीप्लोक हॉस्पिटल में अप्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा प्रसूता की ऑपरेशन के दौरान जच्चा बच्चा की मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा। आरोप है कि इंजेक्शन लगाने से जच्चा-बच्चा की हालत बिगड़ गयी और मऊ ले जाने के दौरान रास्ते मे ही दोनों की मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के खिलाफ सड़क जाम कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने समझा बुझाकर जाम को समाप्त करवाया और परिजनों से तहरीर लेकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। परिजनों की माने तो एक आशाबहु के दबाव में प्रसूता को उस प्राइवेट अस्पताल में ले गए थे।
थाना क्षेत्र के कासमापुर गांव निवासी चंदन गुप्ता अपनी 30 वर्षीय प्रसूता पत्नी खुशबू को शुक्रवार को दीप लोक हॉस्पिटल में भर्ती किये थे। जहां डॉक्टर ने उन्हें सिजेरियन कराने की सलाह दी। जिस पर चंदन के द्वारा यह कहा गया कि यदि आपके पास अआपरेशन की सुविधा हो तो सिजेरियन करें। आरोप है कि इस दौरान डॉ ने जांच करने के बाद खुशबू को इंजेक्शन लगाया , जिसके बाद खुशबू की हालत खराब होने लगी। उसके बाद डॉक्टर ने ऑपरेशन को रोककर अन्यंत्र ले जाने की सलाह दी। जिससे परिजन अचंभित हुए। तभी डॉक्टर ने खुद ही प्राइवेट साधन बुलाकर अन्य हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। जब परिजनों ने डॉक्टर से पूरी पर्ची मांगी तो डॉक्टर के किसी कर्मचारी द्वारा पर्ची को फाड़ दिया गया और कोई पुरानी पर्ची थमा दिया गया। हालत खराब होता देख चंदन तत्काल प्रसूता को लेकर पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए जहां पर चिकित्सकों ने हालत नाजुक देख रेफर कर दिया। परिजन मरीज को लेकर मऊ रवाना हो गए लेकिन रास्ते में ही मरीज ने दम तोड़ दिया। जिससे परिजनों में कोहराम मच गया। उसके बाद परिजन मृतका के शव को लेकर अस्पताल पहुंचे और सड़क को जाम कर दिया। वहीं मालदा चौकी इंचार्ज देवेंद्र नाथ दूबे मौके पर पहुंचकर समझा-बुझाकर जाम को हटवाया। इस दौरान प्रभारी निरीक्षक सिकंदरपुर राजेश यादव भी मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आशाबहु पर लगाया अस्पताल में ले जाने का आरोप
बलिया। बेल्थरा मार्ग पर स्थित दीप्लोक हॉस्पिटल में इलाज के दौरान प्रसूता की मौत हो जाने के बाद मृतका के परिजनों ने आशा बहू पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह प्रसूता को कहीं अनंत्र ले जा रहे थे परंतु गांव के ही एक आशा बहू द्वारा दबाव देकर उसे दीप लोक हॉस्पिटल भेजा गया, जहां पर प्रसूता की मौत हो गई।