दिग्विजय सिंह
नगरा,बलिया। नगरा थाना क्षेत्र से डेढ़ वर्ष पूर्व चोरी हुई बुलेट पर नरहीं थाने पर तैनात सिपाही के चलने के मामले में पुलिस अधीक्षक ने सिपाही को निलंबित करते हुए उसपर जांच बैठा दी है।लेकिन उसी बुलेट पर तिरंगा यात्रा निकालने वाले दरोगा जी पर खासी मेहरबानी क्यों ? इस मामले में पुलिस का कहना है कि लावारिस वाहन के निस्तारण के वक्त वाहन स्वामी को सूचना दी गयी थी।अब सवाल यह है कि अगर बुलेट बिना नम्बर के लावारिस मिली तो वाहन स्वामी को सूचना कैसे दी गयी। अगर लावारिस मिली तो पुलिस का सिम्बल या POLICE लिखकर बुलेट कैसे चल रही थी। क्योंकि वाहन स्वामी पुलिस सेवा में नहीं है। कही ऐसा तो नहीं कि चोरी की बुलेट को बचाने के लिए पुलिस का सिंबल लगाकर चल रहा हो सिपाही ताकि विभागीय होने के चलते कही पकड़ी न जा सके। जांच में मामला जो भी सामने आए लेकिन ऐसा नहीं है कि वाहन स्वामी के न जाने पर चोरी की बाइक का पुलिस इस्तेमाल भी करने लगे। वैसे दरोगा जी पहले ही महावीरी झण्डा जुलूस के समय हुए घटना में सस्पेंड किए जा चुके है। अब देखना है कि इस वीडियो के आने के बाद आला अधिकारी दरोगा जी पर और क्या रुख अपनाते है ?
नगरा थाना क्षेत्र के पाल चंद्रहा निवासी सपा नेता और शिक्षक ओम प्रकाश यादव की बुलेट बाइक 2021 की गणतंत्र दिवस की रात दरवाजे से चोरी हो गई थी। पुलिस पहले तो मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी। लेकिन पुलिस के आला अफसरों के दबाव पर मुकदमा तो दर्ज कर ली किन्तु मामले को ठन्डे बस्ते में डाल दिया। इधर सपा नेता अपने बाइक चोरी का पता लगाने में डेढ़ साल से लगे हुए थे। अगस्त माह में पता चला कि चोरी गई बुलेट बाइक नरही थाने के एक सिपाही के पास है। सपा नेता नरही थाने जाकर चुपके से बाइक की पहचान कर ली। नरही पुलिस को भनक भी नहीं लगी। तब सपा नेता नगरा पुलिस को घटना से अवगत कराया। नगरा पुलिस के साथ सपा नेता अपने समर्थकों को लेकर नरही थाने गए तो पुलिस ने चोरी की बाइक को लेकर नगरा थाने आई। बाइक का नंबर मिटाकर बाइक के आगे पीछे पुलिस लिखकर सिपाही धड़ल्ले से क्षेत्र में चल रहा था। बाइक मिलने के बाद तरह तरह के कयास पुलिस के प्रति क्षेत्र में लगाए जा रहे हैं।