बृजेश सिंह/अभयेश मिश्रा
बलिया। सीयर विकास खण्ड के ग्राम विकास अधिकारी का अपने दफ्तर में साथियों संग चीयर्स करने के वायरल वीडियो की खबर मीडिया में आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया है। डीपीआरओ ने प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित करते हुए उसपर जांच बैठा दी है। डीपीआरओ ने चीयर्स प्रकरण सहित ग्राम प्रधान द्वारा लगाए गए पंचायत भवन में घपलेबाजी सहित कार्यस्थल पर उसके आचरण की जांच अपर जिला पंचायत राज अधिकारी को सौंपते हुए मामले की रिपोर्ट जल्द प्रेषित करने का निर्देश दिया है। निलंबन अवधि तक वे डीपीआरओ कार्यालय से संबद्ध रहेंगे। साथ ही उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता अर्ध औसत वेतन देय होगा
बता दे कि सीयर विकास खंड में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी प्रमोद कुमार मंजुल का ब्लाक परिसर स्थित अपने ऑफिस में साथियों संग शराब भरे ग्लास के साथ चीयर्स करते हुए वीडियो व फोटो सोशल प्लेटफार्म पर वायरल हुआ था। जिसकी खबर मीडिया में आने के बाद ब्लाक से लेकर जिले स्तर पर हड़कंप मच गया। मंगलवार को डीपीआरओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर दिया । साथ ही उसके ऊपर जजौली न0 2 की महिला ग्राम प्रधान मालती सिंह द्वारा भ्रष्टाचार और कार्यस्थल पर भी शराब के नशे में सबके साथ दुर्व्यवहार करने के आरोपों की जांच बैठा दी गयी है। ग्राम विकास अधिकारी के वीडियो वायरल होने के बाद ग्राम प्रधान ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर उसके आचरण और पंचायत भवन के निर्माण में घपलेबाजी व कार्य मे लापरवाही का आरोप लगाया था। महिला प्रधान ने यह लिखा था कि पंचायत भवन के पांच लाख रुपये सेक्रेटरी द्वारा पहले ही उतार लिए गए थे। बाद में प्रधान के ऊपर दबाव बनाकर पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरु कराया। लेकिन उसमें लागये गए सामाग्री का भुगतान नहीं किये जाने से दुकानदार प्रधान से तगादा करते थे। वीडियो वायरल होने के बाद ग्राम प्रधान को भी मौका मिला गया छक्का मारने का और उसने भी जिलाधिकारी को शिकायती पत्र लिखकर ओर प्रकरण की जांच करने की मांग कर दी । मीडिया के खबर आने के अगले दिन डीपीआरओ ने ग्राम विकास अधिकारी प्रमोद कुमार मंजुल को निलंबित करते हुए पंचायत भवन में घपलेबाजी की जांच बैठा दी।