दिग्विजय सिंह
नगरा,बलिया। यूक्रेन में फंसे कस्बे के मेडिकल छात्र मनीष जायसवाल की वतन वापसी पर परिजनों में खुशियां दौड़ गयी। गरुवार की रात घर पहुँचने पर आरती उतारकर मिठाईयां बांटी गई। मनीष ने युक्रेन की स्थिति को भयावह बताते हुए कहा कि युक्रेन के लोगो का भारतीय छात्रों के साथ अच्छा सहयोग रहा। उसकी माने तो वहां पर अभी भी दस हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं। उसने सकुशल घर लौटने पर भगवान, माता पिता तथा मित्रो को धन्यवाद दिया। वहीं अपने छात्रों को स्वदेश ले आने में भारत सरकार की भूमिका पर बहुत देर से उठाया गया कदम बताया।
बता दें कि नगरा कस्बे का रहने वाला मनीष जायसवाल एमबीबीएस की पढ़ाई पढ़ने के लिए युक्रेन के ओडेसा स्थित नेशनल मेडिकल युनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। यूक्रेन और रसिया के बीच युद्ध छिड़ जाने से भारतीय छात्र-छात्राएं वहां फंसे हुए थे। उनके सकुशल वतन वापसी को लेकर परिजन काफी चिंतित थे। गुरुवार की रात मनीष सकुशल अपने घर पहुंच गया। उन्होंने बताया कि युक्रेन की स्थिति बड़ी भयावह है। बताया कि वहां चारो तरफ बमबारी और फायरिंग हो रही है। वहां पर अभी भी भारत के लगभग आठ हजार छात्र फंसे हुए हैं, जबकि रोमानिया में भी छः से सात हजार छात्र है। मेरे साथ सैकड़ों छात्र किसी तरह रोमानिया पहुंचे, जहां से हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया। युक्रेन और रोमानिया के लोगो की तारीफ करते हुए बताएं कि युक्रेन के लोगो ने बार्डर पर अच्छा सहयोग व नाश्ता आदि की व्यवस्था हमारे लिए की थी। रूस युक्रेन युद्ध की जानकारी एक दिन पहले हमलोगो को बताया गया। इतना जल्दी बाहर निकलना बहुत मुश्किल था। सकुशल घर लौटने पर मनीष ने अपने ईश्वर,माता पिता, परिजनों एवं दोस्तों को धन्यवाद दिया। उसके आने से परिजनों में भी हर्ष व्याप्त है।