दिग्विजय सिंह
नगरा, बलिया। गुरुवार की सुबह यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए कस्बे के एक छात्र के स्वजन दहशत जदा हैं। पुत्र को सुरक्षित भारत लाने के लिए परिजनों ने भारत सरकार से गुजारिश की है। छात्र भी समझ नहीं पा रहा हैं कि उसकी घर वापसी कैसे होगी। छात्र ने वहा का वीडियो भेजकर स्थिति से परिजनों से अवगत कराया है।
पिछले कई दिनों की तनातनी 24 फरवरी को हमले के रूप में बदल गई। गुरुवार को रूस ने यूक्रेन पर तड़के हमला कर दिया। स्थानीय कस्बे का भी एक छात्र 28 वर्षीय मनीष कुमार जायसवाल पुत्र अखिलेश जायसवाल भी युक्रेन के ओडेसा राज्य में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।मनीष का यह तीसरा साल है । सुबह रूस द्वारा हमला किए जाने से डरा सहमा छात्र बमबारी की वीडियो परिजनों को भेजा है साथ ही फोन पर वहा की स्थिति से अवगत कराया है। उसने बताया कि उसके भारत वापसी का टिकट पांच मार्च को था लेकिन टिकट निरस्त हो गया।यहीं नहीं फ्लाइट का टिकट का किराया भी ढाई गुना बढ़ गया है। वह वापसी के लिए परिजनों से पैसा मांग रहा है। मनीष ने बताया कि उसके युनिवर्सिटी में दो हजार के लगभग भारतीय छात्र है। पूरे यूक्रेन में 20 हजार छात्र है। छात्र ने बताया किओडिसा में सुबह 5 मिसाइल गिर चुकी है हमारे कमरे से लगभग डेढ किलोमीटर की दूरी पर भी मिसाइल गिरी है । हमले के बाद सभी दहशत में है 10 दिन का राशन खरीद लिया हूँ। भारत सरकार के प्रति इन छात्रों में गुस्सा है , बताया कि युद्ध काल मे सरकार 300 सीट वाला विमान भेज रही थी ।सरकार गम्भीर होती तो सभी छात्र स्वदेश में होते । यह भी बताया कि सुबह से मनीष भारत से 4 नवम्बर को युक्रेन गया है। मनीष के परिजनों ने भारत सरकार से गुजारिश की कि सरकार कोई रास्ता निकाल कर यूक्रेन में फंसे छात्रों को सुरक्षित भारत लाए। उसके पिता अखिलेश जायसवाल का कहना है कि हम लोग गरीब है, उनका बेटा यूक्रेन में फंसा है। मोबाइल पर बात होती है, पर वह सुरक्षित भारत कैसे आएगा, इसे लेकर बहुत चिंता है।