दिग्विजय सिंह
नगरा, बलिया। भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह प्रेस वार्ता में अपने ही सरकार पर जम कर हमला बोला । कहे कि टेट की परीक्षा में 21 लाख परीक्षार्थी बैठे थे लेकिन पेपर लीक हो जाने से उन बेरोजगारों के सपने चकनाचूर हो गए। सरकार से सवाल किया कि जब पेपर लीक होता है तो मंत्री, सचिव, प्रमुख सचिव, निदेशक पर कार्यवाही क्यों नहीं होती। क्यो छोटे लोगो पर कार्यवाही कर लोकतंत्र को कमजोर किया जाता है। आज नैतिक जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है। नैतिकता खत्म हो गई है, अनैतिकता और भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
पूर्व विधायक कहे कि कहीं ना कहीं से अधिकारी पेपर लीक नहीं किया होगा तो पेपर नीचे तक पहुंचा कैसे। शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पुलिस विभाग से कई गुना अधिक भ्रष्टाचार शिक्षा विभाग में है। डीआईओएस कार्यालय में बिना रिश्वत के कोई सेंटर नहीं बनाया जाता, किसी विद्यालय को मान्यता नहीं मिलती। ये बात सरकार चलाने वाले लोगों को अच्छी तरह पता है। कोई ऐसा विभाग नहीं है, जिसमें बिना पैसा लिए कोई काम होता है। भ्रष्टाचार केंद्र स्तर पर कम है लेकिन राज्य स्तर पर भ्रष्टाचार का बोलबाला है। 69 हजार अध्यापकों की भर्ती में आरक्षण विसंगतियों की संशोधन की मांग को लेकर लोकतांत्रिक तरीके से धरना दे रहे बेरोजगारों को कुछ दिन पहले जिस तरह से दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया, लोकतांत्रिक देश में यह काफी दुखद है। लगता है निश्चित रूप से जातिवादी ताकते हावी हो चुकी है। सिद्धांतो के नाम पर राजनीति और फैसले मर चुके है। यूपी में बेरोजगारी का आंकड़ा सरकार के लिए सिर दर्द हो गया है। नौकरी के नाम पर गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। आम लोगो का तहसील और थानों पर जाना मुश्किल हो गया है।
इस दौरान उन्होंने पुलिस पर भी जमकर हमला बोला। कहे कि पुलिस को अनलिमिटेड पावर दे दिया गया है, पीछे से फोटो खींच लो और मनमाना फाईन ऑनलाइन भेज दो। पुलिस के इस ऑनलाइन चालान के तमाम ट्रकों के पहिए थम गए है। कहे कि लोकतांत्रिक देश में जनता के साथ इतना कड़ा रुख संवेदनहीनता का प्रमाण है। उन्होंने सरकार से मांग की कि मनमाना फाईन को समाप्त कर चालान का एक सीमित रेट तय कर दे। राजा को उतना ही टैक्स लेना चाहिए, जितना सूर्य समुद्र से जल खींचता है।
कहे कि थानों में लूट तंत्र मचा हुआ है। बाइक चोरी की घटनाएं रोज बढ़ रही है लेकिन पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। पूरा क्षेत्र जानता है कि बाइक चोर कौन है और पुलिस से इनका क्या रिश्ता है। सीधे सीधे अपराधियों को बचाने के लिए पीड़ितों का मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा है।क्रय केंद्र बन्द है , किसान औने पौने दाम पर धान बेच रहा ।जिले में स्वाथ्य सुविधा बदहाल है ।