दिग्विजय सिंह
नगरा, बलिया। क्षेत्र में इन दिनों बाइक चोर सक्रिय हैं। एक पखवाड़े के आंकड़े पर गौर करें तो बाइक चोरी की वारदात में एकाएक इजाफा हुआ है। बाजार के अलावा गांवों में शादी समारोहों में बाइक चोरी की घटनाएं बढ़ी है। पुलिस बाइक चोरों तक पहुंचना तो दूर मुकदमा दर्ज करना भी मुनासिब नहीं समझ रही है। इसके लिए पीड़ितों को थाने के साथ ही बड़े दरबारों के चक्कर लगाने पड़ रहे है। लेकिन नतीजा आकर थाने पर ही लटक जाता है। मुकदमा दर्ज न करने के पीछे एक ही तर्क है जांच की जा रही है। आखिर कैसी जांच की जा रही कि दो सप्ताह में भी पूरी नहीं हो पा रही है। पुलिस की निष्क्रियता का ही चोर गिरोह फायदा उठाने में कामयाब हो रहे है।
नगरा कस्बा निवासी सचिन खरवार सोमवार को एक निमंत्रण में गोठाई चट्टी पर बाइक खड़ी कर निमंत्रण देने चले गए। कुछ देर बाद जब लौटे तो बाइक गायब थी। इधर उधर काफी खोजे जब बाइक का पता नहीं चला तो पुलिस को तहरीर दी लेकिन समाचार भेजे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई थी। इसी तरह भीमपुरा थाना क्षेत्र के अवराई कला निवासी शत्रुघ्न चौहान 29 नवम्बर को सायंकाल नगरा कस्बा के सिकंदरपुर मार्ग पर स्थित एक मैरेज हाल में निमंत्रण पर आए थे। बाइक खड़ी कर अंदर चले गए और खाना खाकर घर जाने के लिए बाहर निकले तो बाइक गायब थी। इसके बाद थाने जाकर बाइक चोरी की तहरीर दी। 28 नवम्बर की रात को थाना क्षेत्र के उरैनी निवासी अजित सिंह सोनाड़ी गांव में निमंत्रण करने गए थे, बाइक खड़ी कर शादी समारोह में चले गए। वापस लौटे तो बाइक गायब थी। पीड़ित ने बाइक चोरी की तहरीर पुलिस को दे दी। 18 नवम्बर को भीमपुरा थाना क्षेत्र के कलवारी निवासी राजाराम यादव गांव में हुए मारपीट के मामले में पीड़ितो का मेडिकल कराने पीएचसी नगरा पर आए थे और चिकित्सक के आवास के सामने अपनी बाइक खड़ी कर अस्पताल के अंदर चले गए। कुछ देर बाद जब वापस आए तो उनकी बाइक गायब थी। लगभग एक पखवाड़े के अंदर बढ़ी बाइक चोरी की घटनाओं ने पुलिसिया कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर दिया। वहीं बाइक स्वामियों में दहशत व्याप्त है। एक सप्ताह पूर्व थानाध्यक्ष संजय सरोज ने दावा किया था कि शीघ्र ही बाइक बरामद कर ली जाएगी लेकिन लगभग दस दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ चोरों के गिरेबान तक नहीं पहुंचे है।