दिग्विजय सिंह
नगरा। श्री नरहेजी पीजी कालेज नरही में रविवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत पाठ्यक्रम संदर्भित विविध आयाम एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में 13 महाविद्यालयों के शिक्षक शिक्षिकाओं ने भाग लिया।गोष्ठी का शुभारम्भ मुख्य वक्ता जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के शिक्षा संकाय अध्यक्ष डॉ देवेन्द्र सिंह ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ देवेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत के बच्चो का भाग्य कक्षाओं में निर्धारित होता है। शिक्षक जैसा पढ़ाते है, छात्र उसी के अनुरूप ढल जाते है। डॉ सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 बच्चो के बहुमुखी व्यक्तित्व को निखारने व उन्हें दिशा देने में मिल का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कोठारी आयोग के सुझाव को याद दिलाते हुए कहा कि हम दौलत सिंह कोठारी एवं समिति के सदस्यों का नमन करते हैं, जिन्होंने समग्र रूप से विचार करने के उपरांत सुझाव दिया था। जिसको शिक्षको ने काफी सराहा।
अध्यक्षीय संबोधन में जेएनसीयू के भाषा संकाय अध्यक्ष डॉ फुलबदन सिंह ने कहा कि एनईपी 2020 के क्रियान्वयन में हम लोगो को थोड़ी सावधानी बरतनी होगी, बावजूद इसका क्रियान्वयन सरलता से किया जा सकता है। इससे पूर्व बीएड विभाग की छात्राओं सुप्रिया, वंदना, व मालविका मिश्रा ने सरस्वती वंदना व तहसीन, पल्लवी तथा शशिकला ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर गोष्ठी को गति दिया। संचालन करते हुए डॉ कृष्ण मोहन सिंह ने कहा कि जैसे जैसे समय करवट लेता है, वैसे वैसे आवश्यकताएं व पद्धति भी बदलती है। सात दशक बाद पुरानी शिक्षा पद्धति में बदलाव भी समय की मांग थी और बदलाव हुआ भी।