बृजेश सिंह
बलिया। बेल्थरारोड विधानसभा सभा के आरीपुर सरयां गांव में कल एक जलसा होगा। मंत्री से लेकर सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष सहित तमाम जनप्रतिनिधियों का जमावड़ा होगा। मौका होगा स्वतंत्रता सेनानी स्मृति मुख्यद्वार, शहीद चन्द्रदीप सिंह स्मारक का जीर्णोद्धार और मिनी स्टेडियम के शिल्यानास का। लोगों की भीड़ भी उमड़ेगी अपने प्रिय भरत भैया के मान को बढाने के लिए। लोग आने वाले जनप्रतिनिधियों को इस बात का एहसास कराएंगे कि भरत सिंह को ऐसे ही “भरत भैया” की उपाधि नहीं मिली है। इनकी मेहनतकश जीवनयात्रा, लोगों से जुड़ाव और किसी के लिए भी दस कदम चलने की सोच ने ही भरत सिंह को जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक “भरत भैया” की उपाधि दिला दी। मधुबन विधानसभा से बीजेपी अपना प्रत्याशी बनाती है तो वह सीट निश्चित रुप से भाजपा की झोली में जाएगी।

बेल्थरारोड विधानसभा के आरीपुर सरयां गांव में बुधवार को जब माननीय लोगों के हाथों उस गांव के स्वतंत्रता सेनानी के नाम से स्मृति द्वार और मिनी स्टेडियम का शिल्यानास होगा तो निश्चय ही क्षेत्रीय जनता कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों को साधुवाद देगी। लोगों को यह मालूम है कि भरत भैया की भले ही कर्मभूमि मधुबन विधानसभा हो लेकिन जन्मभूमि का कर्ज उतारने में भी पीछे नहीं रहते। बस एक कसक है तो उन गांवों से जुड़े मुख्य मार्ग के जर्जर होने की। इसके बाद भी लोगों को उम्मीद ही नहीं यह विश्वास भी है कि बुधवार को जब अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आगाज होगा तो भरत भैया अपने जन्मभूमि सहित आधा दर्जन गांवों को जोड़ने वाले मुख्य सड़क की दीनदशा को लौटाने का भी काम करेंगे।
लगभग दो दशक से जर्जर सिकंदरापुर – पूरा मार्ग की तस्वीर बदलने के लिए कोई न कोई कदम उठा लिए जाएंगे। राहगीरों की दुश्वारियों पर अंतिम विराम लग जायेगा। कार्यक्रम में आयी जनता के कान, होने वाले शिल्यानास के बाद इसकी घोषणा को सुनने को भी बेताब होंगे। लोगों को यह भरोसा है कि कार्यक्रम में उनके प्रिय भरत भैया उनकी इस पीड़ा का हल भी अवश्य निकालेंगे। बता दे कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते भीमपुरा क्षेत्र के अहिरौली, आरीपुर सरयां, पूरा, पतोई, खानपुर, करौंदी, कलवारी गांव को जोड़ने वाला मुख्य मार्ग पिछले दो दशक से जर्जर अवस्था मे है। बीच मे गड्ढे भरने का काम हुआ लेकिन वो नाकाफी था।