वाराणसी। सत्याग्रह अन्याय से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है। सत्ता के पास अपार शक्ति और सैन्य बल हो सकता है, लेकिन सत्याग्रही अकेले होने पर भी बड़ी से बड़ी सत्ता से लड़ने की हिम्मत रखता है। आधुनिक युग में महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला, मार्टिन लूथर किंग का उदाहरण हमारे सामने है। प्राचीन काल में राम, कृष्ण, प्रहलाद, नचिकेता आदि ऐसे अनेक लोग हैं।” यह बात कार्यक्रम संयोजक राम धीरज भाई ने सत्याग्रहियों से कहा।
ताना-बाना संस्था के जितेंद्र भाई और कहकशा खान ने सभी सत्याग्रहियों को अपनी संस्था की ओर से गांधी टोपी भेंट किया। वयोवृद्ध गांधीवादी सुरेश भाई ने सबको गांधी टोपी पहनाकर आशीर्वाद दिया और हौसला बढ़ाया। अलख भाई ने कहा कि जब तक कला केंद्र वापस नहीं जाएगा, तब तक हम सर्व सेवा संघ कैंपस में ही रहेंगे।
कर्मठ सामाजिक कार्यकर्ता और गांधी स्मारक निधि की प्रतिनिधि जागृति राही ने कहा की गांधी के सत्याग्रह के रास्ते पर चलते हुए हम अपनी अहिंसक लड़ाई को जारी रखेंगे । अन्ना आंदोलन के कर्मठ सिपाही विनोद जायसवाल ने कहा कि उस समय भी हम भ्रष्टाचारियों और सरकार से लड़ रहे थे। आज भी हम भ्रष्ट अधिकारियों और भ्रष्ट राष्ट्रीय कला केंद्र के खिलाफ लड़ते रहेंगे। जब तक राष्ट्रीय कला केंद्र वापस नहीं जाएगा या यह सरकार केंद्र से नहीं चली जाती है तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। आज सोनभद्र से केवला दुबे के नेतृत्व में 5 सत्याग्रही शामिल हुए।
इसके अलावा शिव बालक भाई, विजय कुमार, कुलवंती बहन, अवनीश, सोती राजभर, हुलास भाई, शिव शंकर, तारकेश्वर सिंह, नंदकिशोर शर्मा आदि अनेक लोग शामिल हुए।