लखनऊ। प्रदेश में एक नवंबर से संस्कृत साहित्य में सिविल सेवा की निशुल्क कोचिंग का तीसरा सत्र शुरू होने जा रहा है. इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है. संस्कृत भाषा के संवर्धन के लिए अभ्यर्थियों को संस्कृत का मुख्य विषय बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इतना ही नहीं, प्रशासनिक सेवाओं में भी संस्कृत भाषा को बढ़ाने का प्रयास तेजी से चल रहे हैं. मात्र दो साल के अंतराल में ही राज्य सिविल सेवा परीक्षा में संस्कृत के अभ्यर्थियों ने शीर्ष नौवें स्थान से लेकर अंतिम सूची में स्थान प्राप्त किया है तथा 4 विद्यार्थी चयनित भी हुए हैं, जबकि 9 विद्यार्थियों ने अन्य अधीनस्थ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त की है।उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान की ओर से संस्कृत साहित्य में सिविल सेवा की निशुल्क कोचिंग एवं मार्गदर्शन कार्यक्रम में प्रारम्भिक परीक्षा से लेकर साक्षात्कार तक की तैयारी कराई जाती है. संपूर्ण सत्र 10 माह का होता है. 10 माह का प्रशिक्षण 3 चरणों में संपादित किया जाता है. विशेषज्ञों की ओर से इसमें व्याकरण, भाषाशास्त्र, दर्शन, महाकाव्य, संस्कृत नाट्यशास्त्र, संस्कृत गद्य एवं पद्य आदि की पढ़ाई कराई जाती है. यूजीसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या फिर समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण कर चुके 21 से 35 वर्ष आयु के सभी वर्ग के अभ्यर्थी इस परीक्षा के पात्र हो सकते हैं।
कार्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन कराई जाएगी, जिसमें आवेदन पत्र भरने की तिथि 9 अगस्त से 5 सितंबर निश्चित की गई है. तृतीय सत्र के लिए सितंबर 2021 के अंत तक प्रवेश परीक्षा लखनऊ के विभिन्न केंद्रों पर कराई जाएंगी और अक्टूबर के अंत तक परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी।