देहरादून। उत्तराखंड में एक बार पुनः बारिश, बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की वजह से तबाही मच गयी है। राज्य के कई हिस्सों में प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या 34 तक पहुंच गयी है। सरकार ने आपदा से त्रस्त लोगों की मदद करने का ऐलान किया है। नैनीताल और अन्य क्षेत्रों से कई ऐसे वीडियो सामने आए हैं। जिसमें सड़कों और पुलों से पानी बहता दिख रहा है। यही नहीं रेल की पटरियां तक बह गई हैं। प्राकृतिक आपदा को देखते हुए एनडीआरएफ की 15 टीमें तैनात की गई हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि अब तक 34 की मौत हो चुकी है जबकि 5 लोग लापता हैं. मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। और घर गंवाने वालों को 1.9 लाख रुपये दिए जाएंगे। जिन लोगों ने अपना पशुधन खो दिया है। उन्हें भी हर संभव मदद दी जाएगी।
मौसम विभाग की ओर से जारी सूचना के मुताबिक पिछले 24 घंटे में बहुत भारी बारिश हुई है। नैनीताल में 401 एमएम बारिश दर्ज हुई है। जबकि पिथौरागढ़ में 212.1 एमएम, मुक्तेश्वर 340.8 एमएम बारिश हुई है।
वहीं नैनीताल जिले के रामगढ़ इलाके में बादल फटने की खबर है और इस घटना में कई मजदूरों के बह जाने की आशंका जताई गई है. दूसरी ओर, कई ऐसे वीडियो आए हैं जिसमें दिख रहा है कि नैनी झील उफना गई है और सड़कों, कॉफी की दुकानों और आसपास के कई क्षेत्र पूरी तरह से जलमग्न दिखाई दे रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारी बारिश के कारण बनी स्थिति के दृष्टिगत जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से जगह-जगह जाकर नुकसान एवं राहत और बचाव कार्यों का जायजा ले रहा हूं।
नैनीताल पूरी तरह से कटा, रास्ते बंद
एक के बाद एक कई भूस्खलन की घटनाओं की वजह से इस प्रसिद्ध पर्यटन स्थल को जोड़ने वाली मुख्य सड़कें अवरुद्ध होने से नैनीताल उत्तराखंड के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट गया है। कई जगहों पर राहत और बचाव कार्य जारी है.। हालांकि मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अगले 24 घंटे में कम बारिश होगी।