हरियाणा। करनाल में घायल किसान ने दम तोड़ा।
सोचिए ! यह किसका लहू है ? कौन मरा है ??
पूर्व प्रधानमंत्री ने लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था: जय जवान, जय किसान। लेकिन आज सरकार अपना संयम खोती जा रही है।
एक तरफ जवान देश की सरहदों पर खून बहाता है, उसी जवान का बाप किसान खेतों में खून-पसीना बहा कर हमें भोजन देता है। लेकिन अब किसानों को भी शहादतें देना चिंतनीय है।
करनाल में हुए लाठीचार्ज के दौरान गांव रायपुर जाटान के किसान सुशील काजल को शरीर और सिर चोटें आई थीं. कल रात को ही उनकी मौत हो गयी ।
मौत का कारण सदमे की वजह से आया हार्ट अटैक बताया जा रहा है।
क्या सरकार के कारिंदे का पुलिस को किसानों का सिर फोड़ने हेतु ललकारना देश विरोधी नहीं है ।
सरकार संयम क्यो खोती जा रही ।
ये वही किसान है जो अंग्रेजो से लडे ,तब आजादी मिली ।
क्या इसी दिन के लिए आजादी मिली कि अपनी सरकार भी पीट पीटकर मार डाले ।
दुनिया के अन्य देशों में किसानों की दुर्दशा नहीं जो भारत की सरकार किसानों के साथ कर रही ।
किसान अन्नदाता है ।