दिग्विजय सिंह
नगरा (बलिया)। सरकार की गरीबों के फ्री इलाज के लिये स्वास्थ्य विभाग के चाहे जितने पेंच कस ले। लेकिन हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। गरीबों को अस्पतालों से बाहर की पर्ची लिखी जाती है और सरकार के तरफ से फ्री की मिलने वाली दवाइयों को एक्सपायरी कर झाड़ियों या कूड़े में फेक दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी किसी गरीब को दवा देने के बजाय स्टोर में दवा को रखे रखे एक्सपायरी की श्रेणी में डाल देते है। लगभग दो साल पूर्व रसड़ा एसडीएम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जांच में दो से तीन डब्बे में बोतल की दवा एक्सपायरी पायी थी, जिसपर चेतावनी देकर छोड़ दिया था। लेकिन आज भी नगरा क्षेत्र में अस्पतालों में मिलने वाली सरकारी दवाएं एक्सपायर होने के बाद झाड़ियों में फेकी हुई मिली। जो यह दर्शा रही है कि अधिकारियों की डांट से उन्हें कोई गुरेज नहीं है। वो वही करेंगे जो करते आये है।
नगरा रसड़ा मार्ग पर लकड़ा नाले के पुलिया के समीप शुक्रवार को सड़क किनारे भारी मात्रा में एक्सपाइरी दवा फेंका हुआ देख हर कोई अवाक रह गया। सड़क के किनारे दवा के पत्तों को देख लोगों की भीड़ लग गई। इन एक्सपाइरी दवाओं में डाईसाइक्लोमीन काफी मात्रा में दिखाई दी। इसके बगल में प्लास्टिक के थैले में अन्य दवाएं भी थीं। भयवश थैले को कोई खोल नहीं रहा था। डाईसाइक्लोमीन पेट दर्द की दवा है। यह दवा सितंबर 2019 में बनी थी व अगस्त 2021 में एक्सपायर हो गई थी। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार एक्सपायर हो चुकी दवाओं को घोल बना कर नष्ट कर दिया जाता है या मिट्टी में दबा दिया जाता है। इस तरह दवाओं का फेंका जाना स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिह्न है।
जांच कराकर की जाएगी कार्यवाई
फेंकी गई एक्सपाइरी दवाएं मेरे संज्ञान में नहीं हैं। एक्सपायर हो चुकी दवाओं का घोल बना कर नष्ट कर दिया जाता है। इस तरह खुले में फेंका जाना नियम विरुद्ध है। इसकी जांच करा कर दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
डा.टीएन यादव,
प्रभारी चिकित्साधिकारी- प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नगरा