नवीन सिंह
पकड़ी। प्रधानमंत्री आवास योजना व शौचालय के नाम पर जनता से अबैध वसूली की शिकायतें बराबर मिलती है। मगर जिम्मेदारों द्वारा अधिकांश मामलों में लीपापोती कर दी जाती है। क्योंकि ग्राम प्रधान के साथ ही उनके कर्मचारी भी लपेटे में आ जाते है। जिसको बचाने के लिए नीचे से ऊपर तक के विभागीय अधिकारी मामले को रफ दफा करने में जुट जाते है। इस बार शिकायतकर्ता आम जनता नहीं बल्कि पंदह ब्लाक का पंचायत सदस्य है। जिसने अबैध वसूली की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर करते हुए विकास खंड पंदह के सभी गांवों में दिए गए आवासों की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
विकास खंड पंदह अंतर्गत प्रधानमंत्री आवासीय योजना के अंतर्गत पात्रों को आवास न देकर ग्राम प्रधान व सचिवों की मिली भगत से आपत्रो को आवास आवंटित किया जा रहा हैं। सरकार की मंशा है कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगें, लेकिन ग्राम प्रधानों व सचिवों द्वारा आवास के नाम पर 30 हजार, शौचालय के नाम पर दो हजार की धन उगाही की जा रही है। ‘कहि घना घना कहि मुट्ठी भर चना, कहि वो भी मना’ यह कहावत चरितार्थ कर रही है पंदह ब्लॉक के गाँवो में। उदाहरण के तौर पर सोनाडीह सहित अन्य ग्राम पंचायतो की यही स्थिति है। जो लोग पात्र है सरकार की मंशा के अनुरूप मिलना चाहिए। लेकिन उनको न देकर के आपत्रो में ही दिया जा रहा है।
इस संबंध में सोनाडीह पंचायत सदस्य अच्छेलाल चौहान द्वारा विकाश खंड पंदह के सभी ग्राम पंचायतों में आपत्रो को दिए गए आवास की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मुख्यमन्त्री पोर्टल पर 40019321013652 नम्बर से शिकायत दर्ज कराई है। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। ताकि पात्रों को ही आवास मिल सकें। इस मामले में वीडियो रमेश यादव का कहना है कि हर मीटिंग में ग्राम प्रधानों को यह हिदायत दी जाती है कि किसी तरह की अवैध वसूली की सूचना मिलती है तो कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोनाडीह मामले में उन्होंने बताया कि अगर शौचालय के नाम पर ग्राम प्रधान के द्वारा वसूली की गई तो इसकी जांच कराई जाएगी। सूचना पुष्ट होती है तो जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाई की जाएगी।