विनोद कुमार
सिकंदरपुर (बलिया)। क्षेत्र में सरकारी जर्जर भवन खतरे का सबब बन चले हैं। विभिन्न नगरीय इलाके में दर्जनों भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में पहुंच गए हैं। जीवन को दांव पर रखते हुए इन भवनों में लोग रह रहे हैं। बावजूद इसके जर्जर भवनों की मरम्मत पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। जो भविष्य के लिए लोगों के जीवन के लिये खतरा बना हुआ है।
बता दे कि आदर्श नगर पंचायत सिकंदरपुर के मुड़ियापुर में पं0 दीनदयाल उपाध्याय नगरोदय योजना के अंतर्गत लोगों की जरूरतों को देखते हुए सामुदायिक केंद्र का निर्माण कराया गया। जिसका शिलान्यास मा.श्री लाल जी टंडन मंत्री आवास विकास एवं नगरीय रोजगार उ.प्र.शासन के कर कमलों द्वारा मा. श्री भरत सिंह राज्य मंत्री खाद्य एवं रसद उ.प्र. शासन मा.श्री राम इकबाल सिंह विधायक चिलकाहार एवं श्रीमती विमलावती देवी अध्यक्ष नगर पंचायत सिकंदरपुर की गरिमामई उपस्थिति में 23 जनवरी सन 2003 में बना था। जिसकी लागत लगभग रू4.5 लाख थी। यह भवन आज खस्ता और जर्जर हालत में है।
मोहल्लावासी सुभाष गुप्ता का कहना है कि हम लोग मेहनत और मजदूरी करके पालन पोषण करते हैं। हम लोग अपनी धर्मशाला को मरम्मत करवाने में भी असमर्थ हैं। उन्होंने बताया कि लगभग 18 साल पहले इस धर्मशाला का निर्माण कराया गया था। उन्होंने कहा कि शादी समारोह में घर के सामने पर्याप्त जगह न मिलने के कारण हम लोग धर्मशाला में ही शादी समारोह का आयोजन करते थे। यही नहीं दूरदराज से आने वाले परदेसी को भी इसमें रहने का ठिकाना होता था। लेकिन जब से जर्जर हो गया, तब से हम लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।छतें इतनी जर्जर हो गईं हैं कि वे आए दिन चप्पड़ छोड़ती रहती हैं। दीवालो से पानी रिसता रहता है।अब यह इतना जर्जर हो चुका है कि कभी भी ढह सकता है। इसके निर्माण को लेकर उन्होंने सीएम से धर्मशाला के निर्माण के लिए गुहार लगाई है। ताकि वे धर्मशाला का जीर्णोद्धार कर सके।