बलिया। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह व शिक्षक कृष्ण कुमार सिंह पर एमडीएम में हुए लाखों रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़े शिकायतों की पोटली एक बार फिर खुलने वाली है। एमडीएम धनराशि के भ्रष्टाचार की आंच स्टेनों कुँवर पर भी आ गयी है। मामले में बीएसए व स्टेनों द्वारा बचाव करने पर उनके ऊपर भी तलवार लटक गयी है। पिछली बार जांच में सहयोग न किये जाने से नाराज शिक्षा निदेशक बेसिक ने उन्हें अंतिम मौका देते हुए जांच में सहयोग करने को निर्देशित किया है। जिसके बाद सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर ने बीएसए को दोनों से जुड़े अभिलेख तथा संजय कुँवर को स्टेनों एमडीएम पर नियुक्ति के आदेश की पत्रावली भी लेकर 17 दिसंबर को तलब किया है। जिसके बाद विभागीय गलियारों के हड़कंप मच गया है। अब देखना है कि स्टेनों अपनी गर्दन बचाते है या शिक्षकों की।

सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिड-डे मील योजना के लाखों रुपये योजना से जुड़े विभागीय कर्मचारी और शिक्षक मिलीभगत कर डकार गए। जिले के बांसडीह निवासी जय प्रकाश मौर्य ने शिक्षा निदेशक बेसिक को एक शिकायती पत्र दिया था। जीसमें प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर एक के प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार सिंह व प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर दो के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह पर विभागीय मिलीभगत कर लाखों रुपये डकारने के आरोप लगाया था। उक्त द्वारा एमडीएम की धनराशि सभासद के खाते में न कर विभिन्न व्यक्तियों के खाते में भेजने सहित कई आरोप लागये गए थे। इसके साथ ही एमडीएम से जुड़े बीएसए कार्यालय के स्टेनों संजय कुँवर पर भी मिलीभगत का आरोप लगाया गया था। जिसकी शिक्षा निदेशक बेसिक ने जांच सौंपी थी। बीएसए व स्टेनों द्वारा जांच अधिकारी को जांच में सहयोग नहीं किया गया। जिससे नाराज अपर शिक्षा निदेशक बेसिक ललिता प्रदीप ने सहायक शिक्षा निदेशक मंडल गोरखपुर को पुनः जांच सौंप कर एक सप्ताह में आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
सहायक शिक्षा निदेशक डॉ. सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि 17 दिसम्बर को 12 बजे उपस्थित होकर प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर एक के प्रधानाचार्य जितेंद्र कुमार सिंह व प्राथमिक विद्यालय बांसडीह नंबर दो के प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह द्वारा एमडीएम की धनराशि भुगतान से संबंधित समस्त अभिलेख तथा संजय कुँवर की तत्समय स्टेनों एमडीएम के पद पर की गयी नियुक्ति के आदेश की पत्रावली साक्ष्य के रुप मे प्रस्तुत करें। ताकि पूरी आख्या निदेशालय को प्रेषित किया जा सके। वहीं दूसरी तरफ अपर शिक्षा निदेशक बेसिक ललिता प्रदीप ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व स्टेनो को पत्र लिखकर कहा है कि जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व स्टेनो द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया गया या कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया तो प्रकरण का निस्तारण कर दिया जाएगा। जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व स्टेनो की होगी। इस पत्र के बाद लखनऊ से लेकर बलिया तक हड़कम्प मचा हुआ है।