बलिया। विश्व की सबसे प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी हावर्ड में पढ़ने का सपना देखना, उसे पूरा करने का प्रयास करना भी एक उपलब्धि होती है। ऐसा ही एक सपना बलिया जिले के एक छोटे से गाँव बड़सरी के निवासी सौरभ प्रताप सिंह ने देखा था। आज हावर्ड विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट होकर जो मुकाम सौरभ ने हासिल किया है। वो पहले शायद ही इस क्षेत्र में किसी ने पाया होगा। अपने इस अभूतपूर्व सफलता के माध्यम से सौरभ ने छोटे शहरों के युवाओं को ये भी संदेश दिया है कि उन्हें खुली आँखों से बड़े सपने देखने की हिम्मत रखनी चाहिए और उसे पूरा करने का प्रयास करना चाहिए।
स्वर्गीय जगत नारायण सिंह के पुत्र सौरभ ने विपरीत परिस्थितियों को चुनौती देते हुए हमेशा ही एक अलग पहचान बनाने और अपने क्षेत्र का नाम रोशन करने का कार्य किया है। बलिया के नागाजी मालदेपुर के मेधावी छात्र रहे सौरभ दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक होने के बाद, भारत की कठिनतम माने जाने वाली CAT (2009) की परीक्षा में 99.65 पर्सेन्टाइल लाकर IIM में दाखिला लिया और वहाँ भी स्वर्णपदक विजेता रहे। वर्ष 2012 में MBA पूरा करने के बाद उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक join किया और उत्तरप्रदेश में पोस्टिंग लेकर अग्रणी जिला अधिकारी के तौर पर बलिया समेत पूर्वांचल के 6-7 जिलों में आर्थिक विकास के कार्य को एक नई दिशा देने के प्रयास किया।
सौरभ का मानना है की शिक्षा एक मात्र साधन है जिससे सभी सामाजिक व आर्थिक समस्याओं को समाप्त किया जा सकता है। इसी विश्वास के साथ उन्होंने उत्तरप्रदेश के कुछ विद्यालयों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट-इम्पैक्ट का प्रारंभ किया जो स्कूल में दी गई शिक्षा को और व्यापक और पूर्ण करता है ताकि छोटे शहरों के छात्रों को भविष्य में समस्या ना हो। अपने इस प्रयासों के लिए सौरभ को उपमुख्यमंत्री और प्रदेश के राज्यपाल से बहुत प्रशंसा भी मिली तथा सरकार ने उन्हें शैक्षिण सुधार के लिए सुझाव देने का भी निमंत्रण दिया।
सौरभ की हावर्ड यात्रा का प्रारंभ 2019 में विश्व की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित फेलोशिप फुलब्राइट मे चयन के बाद हुआ जिसके अंतर्गत अमेरिका की सरकार ने लगभग 60-70 लाख की स्कालशिप देकर सौरभ को अमेरिका पढ़ने का निमंत्रण दिया। इस फेलोशिप से उत्साहित होकर सौरभ ने हावर्ड समेत अन्य प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में दाखिले की चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया में हिस्सा लिया और अपने प्रतिभा से सभी में सिलेक्ट भी हो गए। हावर्ड का पोस्ट-graduate कोर्स अर्थशास्त्र और आर्थिक विकास के क्षेत्र में सबसे कठिन माना जाता है इसलिए सौरभ ने इसे चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए ये कोर्स join किया। दो साल के कठिन परिश्रम के बाद सौरभ ने अपनी क्षमता का लोहा यहाँ भी मनवाया और 4.0 में 3.85 cgpa पाकर पूरे देश का नाम रौशन किया है। अपनी इस सफलता का श्रेय सौरभ अपने माता-पिता, गुरुजनों, भाई-बहनों के आशीर्वाद, और अपनी धर्मपत्नी को देते हैं जिन्होंने हमेशा उन्हें प्रेरित करने का कार्य किया है।
विदेश में करोड़ों रुपये की नौकरी का मोह ना करते हुए, सौरभ की इच्छा है कि वो इस ज्ञान का प्रयोग अपने देश व प्रदेश के लोगों के लिए करें इसी उद्देश्य के तहत प्रदेश मुख्यमंत्री के सहमति व सुझाव के साथ, सौरभ ने अपनी निःशुल्क सेवा देते हुए प्रदेश में स्वरोजगार की संभावनाओं पर एक रिपोर्ट सरकार को सौंपी है जिसे उन्होंने हावर्ड में अध्ययन करते हुए बनाया है। प्रदेश सरकार के आला अधिकारी, मंत्री आदि ने इस रिपोर्ट की बहुत तारीफ भी की है और इसके सुझावों को लागू करने का प्रयास करने का आश्वासन दिया है। सौरभ भविष्य में शिक्षा, राजनैतिक, व आर्थिक सुधार जैसे कार्यों के माध्यम से अपने प्रदेश को विकसित करने का सपना देखते हैं। उनका सोचना है कि उनकी शिक्षा समाज का एक कर्ज है उनपर जो लोगों की सेवा करके ही चुकाया जा सकता है।