नगरा। क्षेत्र के सिकरहटा गांव के पास खून से लथपथ बेहोशी की हालत में मिली एक गांव की पीड़ित किशोरी की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार शनिवार की सुबह वाराणसी (हरिश्चंद्र घाट) में सम्पन्न करा दिया गया। जबकि उसके पिता की इच्छा थी कि उसका अंतिम संस्कार उसके गांव पर हो। पर सुबह ऐसा क्या हुआ कि किशोरी के पिता सहित वहां पर मौजूद सभी के मोबाइल फोन स्विच ऑफ आने लगे। जब खुला तो पता चला कि उसका अन्तिम संस्कार करा दिया गया है। उसकी मौत के साथ ही उसके साथ हुए विभत्स घटना के सारे राज दफन हो गए। पुलिस भी इन 7 दिनों में उसके साथ किये गए जघन्य व घृणित कृत्य के कारणों तक पहुंचने में नाकाम रही। वजह जो भी रहा हो आरोपी भी पकड़ा गया उसके साथ मुठभेड़ भी हुई लेकिन घटना के कारणों और उसकी सच्चाई से पर्दा उठाने में नाकामयाब दिखी। क्षेत्र वासी अभी भी सोशल मीडिया पर उसके लिए न्याय की मांग कर रहे है।
क्षेत्र में 14 अक्टूबर की शाम को अपने गांव के इंटर कालेज में रावण बध का मेला देखने गयी 13 वर्षीय किशोरी मेले से घर नहीं पहुंची। अगले दिन थाना क्षेत्र के ही सिकरहटा गांव के पास सड़क किनारे खून से लथपथ बेहोशी की हालत में एक किशोरी मिली थी। जिसके हाथ मे धारदार हथियार से काटे जाने का निशान था।उसकी हालत देख लोग दुष्कर्म के बाद हत्या के प्रयास की आशंका जता रहे थे। जिसकी पहचान मेले में गायब किशोरी के रुप मे हुई थी। सुबह शौच को निकले ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी थी। जिसके बाद पुलिस ने उसको प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगर ले गए जहां डॉक्टरों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया वहां भी उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुये वाराणसी के लिए डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। उस दिन से उसका इलाज चल रहा था लेकिन घटना के बाद आखिरी क्षण तक उसको होश नहीं आया। शुक्रवार की शाम को उसकी मौत हो गयी थी।