कुमार सत्यम
बलिया। तमाम प्रयासों के बावजूद ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों की जांच गति नहीं पकड़ सकी है। महीनों तक फाइलें अधिकारियों के यहां पड़ी रह जाती हैं। पंचायत चुनाव के पूर्व तत्कालीन सीडीओ ने एक माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था लेकिन नौ माह बीते जाने के बाद भी अभी तक लंबित 50 फीसदी जांच भी पूरी नहीं हो सकी है। वर्तमान में कुल 137 गांवों की जांच अधिकारियों के यहां पड़ी हैं।
प्रदेश सरकार की ओर से शिकायतों का निस्तारण समयबद्ध तरीके से करने का निर्देश दिया है। लेकिन जिले में खासकर ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों में धांधली की शिकायतें डीएम के आदेश के बावजूद संबंधित ब्लॉक के नोडल अधिकारियों के बस्ते में साल दो साल से पड़ी हैं। जिले में ब्लॉकवार नोडल अधिकारी की तैनाती की गई है ताकि वह गांवों के विकास कार्यों पर नजर रखेें और शिकायतों का निस्तारण करें। लेकिन धरातल पर स्थिति विपरीत है। पंचायत चुनाव के पूर्व बीते दो वर्षों में जिलाधिकारी के यहां सभी 17 ब्लॉक के कुल 948 ग्राम पंचायतों (वर्तमान में कुल 940 ग्राम पंचायतें हैं) के सापेक्ष 234 शिकायतें आई जिसकी जांच की जिम्मेदारी संबंधित ब्लॉक के नोडल अधिकारियों को दी। लेकिन जांच की गति किस कदर धीमी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अब तक केवल 97 शिकायतों की ही जांच पूरी हो सकी है और 137 शिकायतें नोडल अधिकारियों के बस्ते में है। इसको लेकर समय-समय पर अधिकारियों की ओर से निर्देश भी दिए जाते हैं लेकिन इसका कोई असर अधिकारियों पर नहीं पड़ रहा है।
इन अधिकारियों के पास है जांच लंबित
जिले के कुल 948 ग्राम पंचायतों के सापेक्ष 137 ग्राम पंचायतों में कराए गए विकास कार्यों में धांधली की शिकायतें लंबित हैं। जांच की पत्रावलियां चिलकहर ब्लॉक के नोडल अधिकारी उप कृषि उपनिदेशक, लघु सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता, जिला कृषि अधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, जिला पूर्ति अधिकारी, भूमि संरक्षण अधिकारी, अधिशासी अभियंता लोनिवि निर्माण खंड के यहां शिकायतें लंबित हैं। इसके अलावा लेखाधिकारी बीएसए, जिला अर्थ व संख्याधिकारी, डीआरडीए के पीडी, अपर मुख्याधिकारी जिला पंचायत, जिला विपणन अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, सहायक निबंधक सहकारिता, बीएसए, जिला उद्यान अधिकारी व लेखाधिकारी जिला पंचायत के यहां भी शिकायतें लंबित हैं। इनमें कई शिकायतें वर्ष 2018 व 2019 की भी है।
जांच को लेकर समय-समय पर मॉनीटरिंग की जाती है और जांच पूरी कर पत्रावली के साथ उपलब्ध कराने के लिए पत्र भी जारी किया जाता है। सभी अधिकारियों को शिकायतों का निस्तारण करने का निर्देश सीडीओ की ओर से दिया गया है।
– अजय कुमार श्रीवास्तव, डीपीआरओ, बलिया
सोर्स: अमर उजाला