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अनिल ओझा ‘नीरद’ डॉ अशोक द्विवेदी |
नई दिल्ली। भोजपुरी भाषा में उत्कृष्ट लेखन के लिए बलिया के दो साहित्यकार डॉ. अशोक द्विवेदी व अनिल ओझा ‘नीरद’ को संयुक्त रूप से साहित्य अकादमी भाषा सम्मान के लिए घोषणा की गयी है। भोजपुरी में यह सम्मान, हरेराम द्विवेदी, मोती बीए और धरीक्षण मिसिर को पहले मिल चुका है।साहित्य अकादेमी द्वारा शनिवार को 2020 के अनुवाद पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। साहित्य अकादमी द्वारा कामायनी सभागार में अकादमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में कार्यकारी मंडल की बैठक में 24 पुस्तकों को साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार 2020 के लिए अनुमोदित किया गया.
गौरतलब है कि रूद्रपुर, गायघाट, बलिया के मूल निवासी अनिल ओझा ’नीरद’ फिलहाल पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में रहते हैं। वहीं डॉ. अशोक द्विवेदी बलिया शहर निवासी हैं। विश्व भोजपुरी सम्मेलन के अध्यक्ष अजित दुबे ने इस पर कहा कि विगत 8 वर्षों के बाद गैर मान्यता प्राप्त भाषा की श्रेणी में भोजपुरी के साहित्यकारों का सम्मान भोजपुरी भाषा और साहित्य के लिए प्रोत्साहित करने वाला निर्णय है। इसमें सम्मान स्वरूप एक लाख रुपया और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है। मालूम हो कि मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में साहित्य अकादमी प्रति वर्ष पुरस्कार देती है और अन्य गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं के साहित्यकारों को भी समय-समय पर भाषा सम्मान प्रदान किया जाता है।
24 भाषाओं के लेखक जो हुए पुरस्कृत
अपूर्व कुमार शइकीया-असमिया, अंग्रेजी-अरुंधति सुब्रमण्यम, हिंदी-अनामिका, शंकर-बांग्ला, बोडो-स्व.धरणीधर औवारि, गुजराती-हरीश मीनाश्रू, कन्नड़-एम. वीरप्पा मोइली, कश्मीरी- स्व. हृदय कौल भारती, कोंकणी-आर. एस. भास्कर, मैथिली-कमलकान्त झा, नेपाली-शंकर देव ढकाल, उडिय़ा-यशोधरा मिश्रा, पंजाबी-गुरदेव सिंह रूपाणा, मलयालम-ओमचेरी एन.एन. पिल्लई, मणिपुरी-देवेन सिंह, राजस्थानी-भंवरसिंह सामौर, संताली-रूपचंद हांसदा, सिंधी-जेठो लालवाणी, तमिल-इमाइयम, तेलगू-निखिलेश्वर,संस्कृत-महेश चन्द्र शर्मा गौतम, और उर्दू-हुसैन-उल-हक।