नगरा। उत्तर प्रदेश में झूठ का हिमालय खड़ा है। किसी का घर मकान गिरा देना जंगल राज है। ये क़ानून क़ा शासन नहीं है। कानून नहीं पढ़ रहे है चले जा रहे है विदेश से एमयू लाने। यहां की संस्थानों को बेच रहे है और विदेशों से निवेश ला रहे है। जिसमें एक यूनिवर्सिटी से एमयू करना इनकी नीतियों को उजागर कर रहा है। एक्ट बातें पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने नगर में प्रेसवार्ता के दौरान कही। कहा कि एक तरफ तेलांगना के मुख्यमंत्री ने लाखों रुपये देकर बेरोजगरों को रोजगार दे दिया है। आज वह विकाससील नहीं बल्कि वह विकसित राज्य हो गया है। वहीं यूपी हर मायने में फिसड्डी हो गयी है। एक पत्रिका की ताजा सर्वे में 20 राज्यों में यूपी स्वास्थ्य, इंफ़्रा रोजगार में 19-20वें स्थान पर है। मोदी साहब काम दो, रोजगार दो, मुफ्त का राशन देकर उन्हें अपाहिज मत बनाइये। आप सौ करोड़ लोगों को मुफ्त का राशन देकर अकर्मण्य बनाना चाह रहे है। आप काम दीजिए। वह मेहनत करके खाएंगे और बच्चों को पढ़ाएंगे। उन्हें अनुदान नहीं काम चाहिए
पूर्व विधायक ने भजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “कितना उपकार करोगे राजाजी, कितना बंटाधार करोगे राजाजी। छीन ले गए तन की निगोटी, आखिर कितना प्यार करोगे राजाजी।।” आज किसान गरीबों के पास यह हैसियत नहीं रह गयी है कि वह अपने बच्चों को मेडिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करा ले। जमीन के छोटे छोटे टुकड़े है उनके पास भी उन्हें रोजगार के लिए बाहर भेजकर पूजीपतियों के हाथों बेच देना चाहते हो। जिस आश्वासन पर किसानों का आंदोलन तोड़ा उसे भी पूरा नहीं किया।
भारत अमरीका या जापान नहीं है यह कृषि प्रधान देश है जहां की अर्थव्यवस्था कृषि से ही चलती है। निवेदन है कि लोगों को रोजगार मुहैया करावें। चीन पर सरकार हमेशा मुँह छिपा रही है। उसपर जबाब क्यों नहीं दे रही है सरकार। गलवान और अरुणाचल प्रदेश में चीन के कारनामों पर चर्चा करने से आखिर भाग रही है सरकार। कहा कि सौ करोड़ लोगों को मुफ्त का अनाज देकर अपाहिज बनाया जा रहा है। स्वदेशी उद्योगों को कोलैप्स कराकर पूजीपतियों को लाभ पहुँचा रहे है। कोरोना काल में 53 उद्योगपतियों की संख्या बढ़कर 156 हो गयी। 23 करोड़ लोग मिडिल क्लास से गरीबी रेखा में आ गए है।
मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों द्वारा सीयूजी फोन खुद रिसीव करने को लेकर कहे कि आज विपक्ष की तो छोड़िए भाजपा के लोगों की भी अधिकारी नहीं सुन रहे है। ये सब ब्यूरोक्रेट्स को बढ़ावा देने का नतीजा है। बीजेपी सरकार ब्यूरोक्रेट्स को आगे करके विपक्ष को दबाने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है।एसडीएम तहसील दार का काम हो गया है धन उगाही करना। यह सरकार विदेशों में जाकर एमयू साइन कर रही है और आने यहां के बन्द पड़े कल कारखाने को चालू कराने से पीछे भाग रहे है। इस जिले के उद्योग का ही ले लीजिए तो यहां पर कताई मिल और गन्ना मिल कांग्रेस सरकार के समय चालू किया गया जिसमें 10 हजार लोगों को रोजगार मिला था जिसके चलते 50 हजार लोगों का जीवकोपार्जन चलता था। उससे व्यापारियों की दुकान भी चलती थी।