नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस ओका ने मंगलवार को कहा कि मौजूदा समय में न्यायपालिका विश्वसनीयता के संकट से गुजर रही है। इसमें सुधार के लिए कानूनी पेशे से जुड़े लोगों को काम करना होगा। उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान उपजा मुकदमों का बैकलॉग खत्म करने की जरूरत बताई।
उनके सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त होने पर ठाणे की जिला अदालतों की बार एसोसिएशन ने सम्मान समारोह आयोजित किया था। यहां उन्होंने कहा कि अगर कोविड-19 की तीसरी लहर आती है तो भी जजों और वकीलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि न्यायिक कार्य निर्बाध चलें और लोगों को न्याय मिले।
नागरिकों का न्यायपालिका में विश्वास बढ़ाने के लिए यह उपयोगी कदम होगा। उन्होंने कर्नाटक हाईकोर्ट का उदाहरण दिया, जहां महामारी के दौरान 11 शनिवार को अतिरिक्त काम करके मुकदमों का बैकलॉग घटाया गया। जस्टिस ओका के अनुसार ऐसे काम बाकी जगह भी होने चाहिए क्योंकि आज 10 लाख नागरिकों पर केवल 17-18 जज हैं।
1983 में ठाणे की अदालत से वकालत शुरू करने वाले जस्टिस ओका 2003 में बॉम्बे हाईकोर्ट में एडिशनल जज बनाए गए थे। वे 2019 में कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और अगस्त 2021 में सुप्रीम कोर्ट के जज बनाए गए है।
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