कुमार सत्यम
बलिया। पेंशनरों के सत्यापन में भी खूब लापरवाही बरती जा रही है। एक तरफ जहां कई मृतक पेंशन योजना का लाभ ले रहे हैं, वहीं, जिंदा लाभार्थी को भी मृत घोषित कर पेंशन बंद कर दी जा रही है। इससे लाभार्थियों को कार्यालयों का चक्कर काटना पड़ता है। आए दिन ऐसे मामले आते हैं लेकिन कभी भी सत्यापन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती।
जिले में समाज कल्याण की ओर से वृद्धा पेंशन व प्रोबेशन विभाग की ओर से विधवा पेंशन योजना का संचालन किया जाता है। इसके अलावा दिव्यांगजन कल्याण विभाग की ओर से दिव्यांग पेंशन योजना संचालित होता है। शासनादेश के अनुसार प्रत्येक छह माह पर विभाग की ओर से पेंशनरों का सत्यापन सबंधित ब्लॉकों के माध्यम से कराया जाता है। लेकिन हर साल सत्यापन में धांधली की बात भी सामने आती है और इसके चलते लाभार्थियों को ब्लॉक से लेकर संबंधित विभाग के कार्यालय तक का चक्कर काटना पड़ता है। आलम यह है हर साल खासकर समाज कल्याण व प्रोबेशन विभाग में इस तरह की शिकायतें आती हैं लेकिन अधिकारियों की ओर से सत्यापन करने वाले कर्मी के खिलाफ कभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। इसके चलते इस मनमानी पर लगाम नहीं लग पा रहा है। बतौर उदाहरण दो दिनों पहले दुबहर ब्लॉक के जमुआ गांव निवासी व वृद्धा पेंशनर लालजी यादव ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को शिकायती पत्र देकर बताया कि उनके पेंशन की राशि अभी तक खाते में नहीं पहुंची। जब विभागीय कर्मियों ने जांच की तो पता चला कि जांच व सत्यापन में 14 जुलाई को ही लाभार्थी को मृत घोषित किया गया है।
कुल वृद्धा पेंशनर- 119078
नए पेंशनर- 1364
सत्यापन किए गए पेंशनर- 117714
सत्यापन में मिले मृतक- 65
शिकायत पर पुनः होता है सत्यापन
विभाग की ओर से प्रत्येक छह माह पर पेंशनरों का सत्यापन कराया जाता है। सत्यापन के बाद शिकायतें आती हैं जिसमें मृतक घोषित भी लाभार्थी होते हैं। उनका पुनः सत्यापन कराया जाता है।
– अभय कुमार सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी, बलिया