आजमगढ़। पंकज सिंह के डीजीपी बनाए जाने की खबर से पैतृक गांव महुआपार में लोग खुशी मना रहे हैं. गांव के लोगों को फख्र है कि इस परिवार ने इस गांव में जन्म लिया है और देश सेवा करके इस इलाके का भी नाम रोशन कर रहे हैं.
आजमगढ़ महनाजपुर थाना अंतर्गत महुआपार गांव में खुशी की लहर व्याप्त है. और हो भी क्यों ना एक ही गांव और एक ही परिवार में पिता और पुत्र ने पुलिस विभाग व बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के सबसे महत्वपूर्ण पद डीजीपी डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के पद से नवाजे जाने की खुशी व्याप्त है.
गांव ही नहीं पूरे इलाके में महुआपार गांव का नाम लेते ही लोग आदर और सम्मान से इस गांव को देखते हैं. इस गांव की मिट्टी से निकले श्री प्रकाश सिंह ने आईपीएस के साथ-साथ डीजीपी पद पर आसीन रहे. साथ ही बीएसएफ के भी डीजीपी बनाए गए तो वही उनके भाई राजेंद्र सिंह हाईकोर्ट के जज के रूप में जाने जाते हैं.
सबसे छोटे भाई रामेश्वर सिंह मेंबर आफ ट्रांसपोर्ट होकर रिटायर हुए हालांकि गांव की मिट्टी और गांव के प्रवेश से दूर पंकज कुमार सिंह भले ही पिता की नौकरी के साथ और प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा लखनऊ और दिल्ली में हुई लेकिन इनका भी गांव से बेहद लगाव रहता है. आज उनके पैतृक घर पर इनके परिवार का तो रहने वाला कोई नहीं है. सारे लोग नोएडा और लखनऊ में है लेकिन उनके परिवार की ही जगत सिंह जो केयर टेकर के रूप में है.
उनका कहना है कि हम लोगों का सर फक्र से ऊंचा होता है जब कोई हमारे गांव और हम लोगों के परिवार के लोगों के बारे में जानता है, चाहे वह डीजीपी साहब के नाते या जज साहब के नाते या अब हमारे भतीजे पंकज सिंह के नाते जाना जा रहा है. साभार आजतक