अभयेश मिश्रा
बेल्थरारोड ( बलिया )। सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रो में गरीब लाचार मरीजो के इलाज के लिए चलायी गयी नेशनल मेडिकल मोबाइल यूनिट कर्मचारियों के लिए मौज मस्ती का साधन बन गया है। मेडिकल वैन में तैनात कर्मचारी गांव से दूर सड़क पर ही मेडिकल वैन को खड़ा करके लैपटॉप व मोबाइल से गाना सुनते दिखाई ओढ़ जायेगे। गांव में जाने के बजाय सड़क के किनारे ही मनोरंजन करना ही अपना परम् दायित्व समझते है। इसका एक उदाहरण बेल्थरारोड क्षेत्र के फरसाटार चट्टी के पास दिखा जहां सड़क किनारे लगाकर उसमे स्वर सभी कर्मचारी व्यस्त दिखे। कोई लैपटॉप पर तो कोई मोबाइल से कान में ईयर फोन लगाकर आनन्द लेने में व्यस्त दिखे।
इस समय प्रदेश में पांव पसार रहा वायरल बुखार सरकार और प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। इसको लेकर सरकार और प्रशासन पूरी तरह सजग हो गया है । सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और लाचार लोगों के इलाज के लिये नेशनल मेडिकल मोबाइल यूनिट वैन चलाया गया है। जो गांव में शिविर लगाकर मरीजो का निःशुल्क उपचार करती है। लेकिन यह मेडिकल टीम वैन के कर्मचारी सरकार के इस प्रयास की खुलेआम धज्जियां उड़ा रहे है। जिसके चलते गरीब और लाचार मरीज उपचार के अभाव में असमय काल के गाल में समाते जा रहे है।
गुरुवार की शाम को फरसाटार चट्टी पर नेशनल मेडिकल मोबाइल यूनिट वैन UP 32 LN 6412 खड़ी थी । जहाँ से गांव की दूरी महज 500 मीटर है। गांव में जाने के लिए पिच सड़क भी है। किंतु इसके कर्मचारी इस चट्टी पर ही गाड़ी खड़ा करके बिना मास्क लगाए गाना सुनने व गपसप करने में मशगूल थे। जब मीडिया के लोगों द्वारा इन कर्मचारियों से शिविर लगाने के बारे में पूछा गया तो मेडिकल वैन में मौजूद महिला फार्मासिस्ट दिव्या गौहर भड़क गई और कहने लगी कि हम लोग यही रहेंगे गांव में नही जायेगे कोई कुछ नही करेगा। इसकी शिकायत जब सीएमओ डॉ तन्मय कक्कड़ से किया गया तो उनका कहना था कि अभी हम बाहर है आने पर इसकी जांच कर आवश्यक करवाई की जाएगी।