दिग्विजय सिंह
नगरा, बलिया। भाजपा के पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह कहे कि किसान आंदोलन शुरू होने के 30 दिन के भीतर यदि किसान बिल वापस ले लिया गया होता तो 700 किसानों की जान नहीं जाती।700 लोगो की जिंदगी और सात सौ परिवार उजड़ने के बाद यह फैसला एक तरफ खुशी तो दूसरी तरफ लेट लतीफी का है।सरकार को किसानों की सभी मांगे एम एस पी, मुकदमा वापसी, बिजली आदि की मान लेनी चाहिए । प्रधानमंत्री को डैमेज कंट्रोल करते हुए मृत किसानों के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपए मुआवजा और घर के एक सदस्य को नौकरी देना चाहिए। यदि आश्रित शिक्षित न हो तो उसे प्रतिमाह 20 हजार मानदेय, नाबालिग हो तो उसके पढ़ाई का खर्च, यदि विधवा हो तो 25 हजार रु प्रति माह पेंशन देना चाहिए।कंगना को एक मनचली महिला बताते हुए कहे कि सरकार को चाहिए रासुका में बन्द कर दे ।आजादी की लड़ाई में लाखों लोग गोली खाये, ये 144 की धारा भी नहीं तोड़ी है ।
पूर्व विधायक श्री सिंह सोमवार को सायंकाल नगरा में प्रेस वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह किसान आंदोलन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन था। जो एक जगह पर बैठकर, अहिंसा के बल पर सत्याग्रह हो रहा था। इसको समझने में सरकार को चुक हुई है। इसमें सुधार होना चाहिए। आज पूर्वी यूपी और बिहार में जो किसान की माली हालत है, लड़के समझ नहीं पा रहे है। एक तो यहां जमीनों की कमी है, दूसरे यहां के आबादी का घनत्व सबसे ज्यादा है और कृषि के उपज के समय ही सारी नदियां इसी रास्ते से गंगा सागर में जाकर गिरती है।
कहे कि सरकार को पूर्वी यूपी को विशेष पैकेज देना चाहिए। सरकार यदि किसानों को 25 हजार रूपए प्रति बीघा मुआवजा देती तो जो वातावरण बना हुआ है, उसमे बदलाव दिखाई देता। साथ ही महंगाई से भी राहत मिलती। आम आदमी महंगाई से त्रस्त हो चुका है। ये कल्पना भी नहीं किया जा सकता था कि पेट्रोल सौ रुपए लीटर बिकेगा। सरकार बढ़ते हुए महंगाई पर पहले ध्यान नहीं दी, जबकि उत्पादन शुक्ल कई बार बढ़ाया जा चुका था। छड़, सीमेंट, सरिया, मोरम, कपड़ा, तेल हर चीज का दाम आसमान छू रहा है। फरवरी से लेकर जुलाई तक 36% भाव केवल कपड़ा का बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि व्यापारियों के लिए कोई रुल नहीं बना है और किसान के उपज पर 50 रूपए एमएसपी बढ़ाकर कोरम पूरा कर लिया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में भाजपा नेता ने कहा कि कंगना गांधी को नहीं समझ सकती, बहुत लोग नहीं समझ पाते है लेकिन पूरी दुनिया गांधी को समझती है। कहे कि गांधी वह प्रयोग किए जो कभी गौतम बुद्ध किए थे। बुद्ध भारत ही नहीं पूरी दुनिया को प्रेम से बदल दिए। जब मनुष्य की स्थिति जानवर से भी बदतर थी, तब एशिया महाद्वीप को बुद्ध बदल दिए थे।
पूर्व विधायक कहे कि कड़ी भाषा से दिल तोड़ा जा सकता है और प्रेम से जोड़ा जाता है। कहे कि जो लोग निजी स्वार्थ में कड़ी भाषा बोल रहे है, वो देश को लाचार और कमजोर कर रहे है। ऐसे शब्दों से किसी दिन देश टूटेगा। कहे कि जिसके अंदर प्रेम, अहिंसा, नैतिकता, मानवता होगा वहीं गांधी को समझेगा। अटल जी भी गांधी वादी समाजवाद की बात करते थे। जो लोग भाजपा को मानते है और अटल जी के बताएं रास्ते पर नहीं चलते वो देश का नुक़सान करते है।