बृजेश सिंह
बलिया। क्षेत्र के चन्दाडीह गांव के लगभग 80 प्रतिशत किसान चकबन्दी का विरोध कर रहे है बावजूद इसके एसीओ गांव में चकबन्दी कराने पर आमादा है। गांव के किसानों की माने तो एसीओ ने फर्जी तरीके से चकबंदी समिति के सदस्यों का मनोनयन भी कर दिया। उसमें ऐसे सदस्य है जिनके नाम एक डिसमिल भी कृषि भूमि नहीं है। फिर भी किसान बनकर चकबन्दी कराने में जुगलबंदी कर रहे है। सोमवार को तहसील दिवस पर एसीओ द्वारा पर्चा बाटने के विरोध में चकबन्दी अधिकारी को पत्रक भी सौपा।
काश्तकारों द्वारा चकबन्दी विरोध करने के बाद भी एसीओ मनोज पाण्डेय द्वारा नियम की धज्जियां उड़ाते हुए लेखपाल रविन्द्र यादव के साथ गांव के कुछ लोगो को अपने चकबन्दी आफिस में पर्चा 5 बाटते दिखे। जिसको लेकर उग्र काश्तकारों ने सोमवार को आयोजित तहसील दिवस में आये एसओसी / जिला चकबन्दी अधिकारी धनराज यादव को पर्चा 5 बाटने व चकबन्दी प्रक्रिया निरस्त करने के लिए पत्रक सौंपा। काश्तकारों द्वारा दिये गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि हम प्रार्थी गण ग्रामसभा चन्दाडीह के निवासी है गांव के 80 प्रतिशत काश्तकारों के विरोध के बाद भी एसीओ मनोज पाण्डेय ने विपक्षी लोगो से पैसा लेकर चकबन्दी के पक्ष में रिपोर्ट लगा दिया गया है। और नियम के विरुद्ध सोमवार को तहसील में ही पर्चा पाँच बाट रहे है । एसीओ के इस कार्य से गांव में तनाव व्याप्त है। हम लोगो को बिना सूचना दिए एसीओ और लेखपाल ने विपक्षी लोगो बुलाया है जिनके नाम से खेत नही है। नियम के विरुद्ध एसीओ मनोज पाण्डेय ने गांव में न जाकर लेखपालों द्वारा तहसील कार्यालय में ही गांव के लोगो को पर्चा 5 बाटने लगे। जिसका काश्तकारों ने विरोध किया किन्तु नही सुने। इसको लेकर गांव में बड़ी घटना घट सकती है ऐसे में चकबन्दी निरस्त किया जाय। और एसीओ मनोज पाण्डेय का यहाँ से स्थान्तरण किया जाय नही तो वह गांव में घटना करा देंगे।
बता दे कि पिछले सोमवार को भी बिना डीएम या एसओसी के आदेश के ही एसीओ ने तीसरी बार बैठक आयोजित की जिसका पुनः काश्तकारों ने विरोध कर पत्रक दिया। पूर्व में विरोध के चलते भी दो बार बैठक स्थगित की गयी है। काश्तकारों का आरोप है कि चकबन्दी विभाग के एसीओ और कर्मचारी इन दिनों मनमाने रूप से काश्तकारों का आर्थिक शोषण करने में लगे हुए है।