राजनीति

सूबे में बुल्डोजर कल्चर का जन्म, मुसलमान होने का खामियाजा भुगते आजम: रामइकबाल

नगरा, बलिया। राज्य में सरकार बुल्डोजर चलाकर जनता का ध्यान हटाना चाह रही है। बुल्डोजर चलाना है तो बेरोजगारी पर चलाइये, किसानों की समस्याओं पर चलाये ताकि आम आदमी की जरूरतें पूरी सके। उक्त बातें पूर्व विधायक और सपा नेता राम इकबाल सिंह ने नगरा में पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि देश में इस समय बुल्डोजर कल्चर का जन्म हो गया है। जो देश को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ कर आये, उनसे छलनी होकर आए उनकी भी ऐसी भाषा नहीं रही है। वो भी नफरत की भाषा नहीं बोले, सबको लेकर देश चलाए। आज जो बुल्डोजर चल रहा है उसपर सोचने का विषय है। जिनके ऊपर बुल्डोजर चला उसका लड़का विधायक है उसका भतीजा विधायक जिसके लिए बुल्डोजर चला उसको तो जनता ने खारिज नहीं किया। इसका मतलब लोकतांत्रिक लोग निकाल ही सकते हैं।
आगे कहा कि इस समय उपमुख्यमंत्री जी की अच्छी कोशिश है जो आम आदमी की जरूरत है उसपर पहल कर रहे है। प्रदेश के अस्पतालों के दौरा कर रहे है। लेकिन करोङो की एक्सपायरी दवाएं और घोटाले पकड़ने पर कार्यवाई के बजाय सिर्फ जांच की हिदायत देकर छोड़ देना यह समझ से परे है।

आजम खां की 27 माह बाद हुई रिहाई पर कहा कि वो देश के माने जाने क्रांतिकारी नेता है। उनमें बहुत सी चीजों को सही ढंग से रखने की हिम्मत है। उनको जेल में बंद करना बहुत ही गलत और ईर्ष्या वश लिया गया फैसला है। उनको मुसलमान होने का खामियाजा भुगतना पड़ा है। जिसपर आजतक किसी केस में कोर्ट तक चार्ज न की हो इसके पहले 323 तक का भी मुकदमा दर्ज न किया गया हो उसे इंडिया का टॉप वन गैंगस्टर घोषित कर देना निश्चित तौर पर उनको दागदार करने की कोशिश की गई है। उनकी रिहाई में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका पर एक बार फिर लोगों में न्याय के प्रति उम्मीदें जाग उठी है।
कहा कि भारतीय जनता पार्टी में जो मध्यममार्गी हैं, उदारवादी है वो हाशिये पर आ गए हैं और जो मिलिटेंट्स है उनके पास ऐसी भाषा का अंबार है जिसका असर क्या होगा, देश बचेगा कि टूट जाएगा, यह उन्हें पता ही नहीं। समझ नहीं आता कि क्या वो एक नए भारत का निर्माण करना चाहते है। वाणी का असमयित प्रयोग बदले की भावना से कार्यवाहियां यह निश्चित रुप से लोकतंत्र को घायल की हैं। जनता डरी हुई और भयभीत है। चुनाव जीतना एक परिस्थिति होती है इसका मतलब यह नहीं कि चुनाव जीतने वाला रोटी, कपड़ा, मकान और दवाई की व्यवस्था कर दिया। वहां एक जज्बात पैदा किया जा रहा है। एक अफीम पिलाया जा रहा है जिसमें आम आदमी बह जा रहा है। यह निश्चित रुप से देश हित मे नही है।

Shabd Bhedi
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