दिग्विजय सिंह
बलिया ।। एक तरफ सीएम योगी जहां प्रदेश के माफियाओं की कमर तोड़ने पर लगे हुए है, वही दूसरी तरफ इनके ही कुछ अधिकारी व कर्मचारी आम जनता को प्रताड़ित करने से बाज नहीं आ रहे है। बांसडीह के एक पत्रकार ने तहसील प्रशासन से प्रताड़ित होने से विवश होकर आत्मदाह करने तक की नोटिस जिला प्रशासन को देनी पड़ गयी। बावजूद एसडीएम बांसडीह के पास इतनी भी फुर्सत नहीं कि उस पीड़ित ब्राहम्ण पत्रकार को कबाले की जमीन पर न्यायोचित कब्जा दिला सके. नतीजन मंगलवार को यह पीड़ित ब्राह्मण व पत्रकार श्री जयराम तिवारी कलेक्ट्रेट पर पहले से की गई घोषणा के अनुसार आत्मदाह करने को विवश है.
योगी जी के राज में भी यह तब हो रहा है। जब मौके पर जमीन भी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग में कोटेशन पर लाखों की ठेकेदारी कराने वाले मणीन्द्र सिंह(एलटी/काउंसलर NACO) व एक हो क्षेत्र में पिछले पांच साल से जमे क्षेत्रीय लेखपाल राजेश राम की दुरभि संधि और एसडीएम बांसडीह को मिलकर गुमराह करने से एक पत्रकार व ब्राह्मण जयराम तिवारी को न्याय नही मिल रहा है ।
जगह जगह ब्राह्मणों को रिझाने के लिये सम्मेलन, पर सांसद ने ब्राह्मण पत्रकार को छिड़का
भाजपा हो, सपा हो या बसपा हो, सभी पार्टियां अगले चुनाव को देखते हुए ब्राह्मणों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये प्रबुद्धवर्ग सम्मेलन करा रही है । बांसडीह के क्षेत्रीय सांसद रविन्द्र कुशवाहा भी कर रहे है। लेकिन जब इनसे पीड़ित श्री तिवारी मिले, तो न्याय दिलाने का भरोसा दिलाना तो दूर, बात करने से भी मना कर दिये । श्री तिवारी अपने साथियों के साथ यह सोचकर सांसद जी से मिले थे कि ये एसडीएम बांसडीह को न्याय करने के लिये फोन कर सकते है। लेकिन पीएम मोदी व सीएम योगी के नाम पर वोट पाने वालों को मतदाताओं की कद्र करना कहा आता है ।
बुधवार को डीएम व शनिवार को सीएम को भेजा गया पत्रक,पर परिणाम शून्य
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव के नेतृत्व में बुधवार को जिलाधिकारी बलिया को एक पत्रक व्यक्तिगत रूप से मिलकर दिया गया और निवेदन किया गया कि श्री जयराम तिवारी पत्रकार के मामले में हस्तक्षेप करते हुए एसडीएम बांसडीह को सभी पक्षों को हिस्सेदारी के अनुपात में भूखण्ड आवंटित करके अलग अलग भूखण्ड को चिन्हांकित करके कब्जा दखल करा दिया जाय । क्योकि यह कबाला द्वारा खरीदी गई जमीन है । जिलाधिकारी बलिया द्वारा एसडीएम बांसडीह को सम्बंधित प्रकरण में न्यायोचित निर्णय करने का आदेश भी दिया गया लेकिन एसडीएम बांसडीह पर जिलाधिकारी के आदेश का भी कुछ असर नही हुआ ।
यही नहीं शनिवार को भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने जिलाधिकारी बलिया के माध्यम से एक पत्रक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को भेजकर एक ब्राह्मण को न्याय दिलाने की गुहार लगायी लेकिन उसका भी जिला प्रशासन या एसडीएम बांसडीह पर कोई प्रभाव नही पड़ा है। इस प्रकरण में अबतक कोई प्रगति नही हो पायी है ।
अब आत्मदाह करना ही अंतिम उपाय : जयराम तिवारी
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के बांसडीह तहसील उपाध्यक्ष श्री जयराम तिवारी ने कहा कि सन 2016 से रजिस्ट्री कराने के बाद से मणीन्द्र सिंह,लेखपाल राजेश राम की साजिश, एसडीएम और तहसीलदार बांसडीह के उपेक्षा पूर्ण रवैये और डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाने के बाद भी जब मुझे न्याय नही मिल रहा है, तो अब यहां जीने से मन भर गया है और मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लूंगा ।
श्री तिवारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों से मिलीभगत से ठेकेदारी करने वाले दबंग मणीन्द्र सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल की दुरभि संधि के चलते मुझ ब्राह्मण को प्रताड़ित होने से बचा भी नही पा रही है । मणीन्द्र अपने धनबल से अधिकारियों को अपने साथ मिलाकर अपना हिस्सा तो कब्जा किया ही है, मेरा हिस्सा भी कब्जा करने की साजिश में लगा हुआ है । यही नही यह कहता है कि भाजपा के बड़े नेताओं का मेरे ऊपर आशीर्वाद है,मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है । ऐसे में सरकार भाजपा की है,सांसद भाजपा के है और वो जब मेरी बात भी नही सुन रहे है तो कैसे कह दूं कि सरकार मुझ जैसे कमजोर ब्राह्मण की रक्षा कर पायेगी ।