घोसी से सांसद हरिनारायण राजभर के सांसद निधि से पैसा स्वीकृत होने के बाद वर्ष 2017-18 में पत्रावली कार्यदायी संस्था जिला पंचायत को भेज दी गई और साढ़े सात लाख रुपये सड़क निर्माण के लिए आवंटित किया गया। लेकिन आज तक इस सड़क का निर्माण विवादित मार्ग दिखाकर उसके हाल पर छोड़ दिया गया। विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि इस मामले में न तो कोई जांच की गई और ना ही फिर से काम शुरू कराने की दिशा में ठोस कवायद की गई। ऐसे में गांव के लोगों का मानना है कि सरकार बदलने के बाद भी लूट खसोट करने वाले लोगों के खिलाफ कोई जांच नहीं की जा रही है। इसमें केवल अकेले ठेकेदार ही नहीं बल्कि जिला पंचायत और सांसद निधि की देखभाल करने वाले भी जिम्मेदार हैं। ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
कार्यदायी संस्था नहीं देती स्पष्ट जबाब
नगरा। देवेंद्र यादव ने बताया कि कार्यदायी संस्था से सम्पर्क किया गया लेकिन कोई स्पष्ट जबाब नहीं मिला । बरसात में इस रास्ते पर चलना मुश्किल हो जाता है ।दो दिन रास्ते पर सफाई कराके उसी तरह से छोड़ दिया गया ।